PM Modi Nepal Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 16 मई को अपनी संक्षिप्त यात्रा पर नेपाल जायेंगे, जहां वह गौतम बुद्ध के जन्मस्थान लुम्बिनी का दौरा करेंगे. इसके अलावा, वह अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा के साथ बातचीत करेंगे. इस दौरान पनबिजली, विकास और संपर्क जैसे कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है. 2014 के बाद से मोदी की यह पांचवीं नेपाल यात्रा है.
भारतीय दूतावास के सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी सोमवार की सुबह 10 बजे लुम्बिनी पहुंचेंगे और शाम पांच बजे लौट जायेंगे. मोदी माया देवी के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना भी करेंगे. वह बुद्ध जयंती पर लुम्बिनी विकास न्यास द्वारा आयोजित समारोह को भी संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को कहा कि भारत और नेपाल के संबंध अद्वितीय हैं.
उन्होंने कहा कि पिछले महीने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की भारत यात्रा के दौरान हुई लाभप्रद चर्चा के बाद दोबारा उनसे मिलने को लेकर उत्सुक हूं. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष जल विद्युत, विकास और संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने को लेकर बनी समझ को आगे बढ़ायेंगे. उन्होंने कहा कि मेरी इस यात्रा का उद्देश्य समय की कसौटी पर खरे उतरे इन संबंधों को और मजबूत करना है.
नेपाल में पहला ‘नेट जीरो इमिशन’ भवन
एक व्यापक अपील के बाद भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वित्तीय सहायता से लुंबिनी डेवलपमेंट ट्रस्ट के तत्वावधान में इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन (आईबीसी) द्वारा अद्वितीय ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बुद्धिस्ट कल्चर एंड हेरिटेज’ का निर्माण किया जायेगा. इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन, संस्कृति मंत्रालय के तहत एक अनुदान प्राप्त संस्था है. बौद्ध केंद्र नेपाल में पहला ‘नेट जीरो इमिशन’ भवन होगा.
इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन के उद्देश्य
इंटरनेशनल बुद्धिस्ट कन्फेडरेशन, भारत का मुख्यालय नयी दिल्ली में है. एक अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अंब्रेला संस्था के रूप में वर्ष 2013 में इसका गठन किया गया था. यह दुनिया भर में बौद्धों के लिए एक सामान्य मंच के रूप में काम करता है. इसे सर्वोच्च बौद्ध धार्मिक पदानुक्रम के संरक्षण में स्थापित होने का सम्मान प्राप्त है. इसका उद्देश्य साझा बौद्ध मूल्यों और सिद्धांतों को संरक्षित, प्रचारित करने और बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में विभिन्न बौद्ध संगठनों और परंपराओं के लिए एक मंच तैयार करना है. इसका उद्देश्य वैश्विक समस्याओं का साझा समाधान खोजना भी है.