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PM नरेंद्र मोदी ने ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ का किया लोकार्पण, कहा- भारत ने हमेशा विश्व का मार्गदर्शन किया

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैनाचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज (Jainacharya Shree Vijay Vallabh Surishwer Ji Maharaj) की 151 जयंती पर उनकी 151 इंच ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ पीस' (Statue Of Unity) का अनावरण किया. यह प्रतिमा राजस्थान के पाली जिले में विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित की गयी है. मौके पर मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ (Statue Of Unity) के लोकार्पण का अवसर दिया. और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी ‘स्टेचू ऑफ पीस’ के अनावरण का सौभाग्य मुझे मिल रहा है.

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैनाचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज (Jainacharya Shree Vijay Vallabh Surishwer Ji Maharaj) की 151 जयंती पर उनकी 151 इंच ऊंची अष्टधातु की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ पीस’ (Statue Of Unity) का अनावरण किया. यह प्रतिमा राजस्थान के पाली जिले में विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित की गयी है. मौके पर मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची ‘स्टेचू ऑफ यूनिटी’ (Statue Of Unity) के लोकार्पण का अवसर दिया. और आज जैनाचार्य विजय वल्लभ जी की भी ‘स्टेचू ऑफ पीस’ के अनावरण का सौभाग्य मुझे मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है. ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है. इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है. भारत का इतिहास आप देखें तो आप महसूस करेंगे, जब भी भारत को आंतरिक प्रकाश की जरूरत हुई है, संत परंपरा से कोई न कोई सूर्य उदय हुआ है.

मोदी ने कहा कि कोई न कोई बड़ा संत हर कालखंड में हमारे देश में रहा है, जिसने उस कालखंड को देखते हुए समाज को दिशा दी है. आचार्य विजय वल्लभ जी ऐसे ही संत थे. एक तरह से आचार्य विजय वल्लभ जी ने शिक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया था. उन्होंने पंजाब, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में भारतीय संस्कारों वाले बहुत से शिक्षण संस्थाओं की आधारशिला रखी.

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पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य जी के ये शिक्षण संस्थान आज एक उपवन की तरह हैं. सौ सालों से अधिक की इस यात्रा में कितने ही प्रतिभाशाली युवा इन संस्थानों से निकले हैं. कितने ही उद्योगपतियों, न्यायाधीशों, डॉक्टर्स, और इंजीनियर्स ने इन संस्थानों से निकलकर देश के लिए अभूतपूर्व योगदान किया है. स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में इन संस्थानों ने जो योगदान दिया है, देश आज उसका ऋणि है.

मोदी ने कहा कि उन्होंने उस कठिन समय में भी स्त्री शिक्षा की अलख जगाई. अनेक बालिकाश्रम स्थापित करवाए और महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ा. आचार्य विजयवल्लभ जी का जीवन हर जीव के लिए दया, करुणा और प्रेम से ओत-प्रोत था. उनके आशीर्वाद से आज जीवदया के लिए पक्षी हॉस्पिटल और अनेक गौशालाएं देश में चल रही हैं. ये कोई सामान्य संस्थान नहीं हैं। ये भारत की भावना के अनुष्ठान हैं. ये भारत और भारतीय मूल्यों की पहचान हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

Prabhat Khabar Digital Desk
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