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सीमा विवाद: भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता

पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग समेत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के अनेक स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शनिवार को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बातचीत चल रही है .

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग समेत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध के अनेक स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए शनिवार को भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बातचीत चल रही है .

घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि एलएसी के चीनी क्षेत्र की तरफ दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) इलाके में सीमा सैनिकों के बैठक स्थल पर मेजर जनरल स्तर की वार्ता चल रही है. एक सप्ताह पहले ही दोनों देशों की सेनाओं ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया तेज करने के प्रयास में कोर कमांडर (लेफ्टिनेंट जनरल) स्तर की पांचवें दौर की बातचीत की थी.

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सैन्य वार्ता में भारतीय पक्ष जल्द से जल्द चीनी सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने की प्रक्रिया पर और पूर्वी लद्दाख के सभी क्षेत्रों में पांच मई से पहले के अनुसार यथास्थिति तत्काल बहाल करने पर जोर दे रहा है. पांच मई को पैंगोंग सो में दोनों सेनाओं के बीच टकराव के बाद गतिरोध की स्थिति बन गयी थी. सूत्रों के अनुसार चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने गलवान घाटी और कुछ अन्य गतिरोध स्थलों से सैनिकों को वापस बुला लिया है लेकिन पैंगोंग सो, गोगरा और डेपसांग में फिंगर क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है.

भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि चीन को फिंगर चार और आठ के बीच के क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहिए. सैनिकों के पीछे हटने की औपचारिक प्रक्रिया छह जुलाई को शुरू हुई थी. इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने क्षेत्र में तनाव कम करने के तरीकों पर करीब दो घंटे तक बातचीत की थी. घटनाक्रम के जानकार लोगों के अनुसार शनिवार की वार्ता में दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग इलाकों में सैनिकों के पीछे की हटने की प्रक्रिया पर प्रमुखता से ध्यान दिया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि जमीनी हालात को देखते हुए भारतीय सेना और वायुसेना ने लद्दाख, उत्तर सिक्किम, उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर सभी इलाकों में तब तक बहुत उच्च स्तर की अभियान संबंधी तैयारियां रखने का फैसला किया है, जब तक चीन के साथ सीमा विवाद का ‘‘संतोषजनक” समाधान नहीं निकल जाता. उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने एलएसी पर अग्रिम क्षेत्रों में अभियान की निगरानी कर रहे सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों को बता दिया है कि उच्च स्तर की सतर्कता बरती जाए और चीन के किसी भी ‘‘दुस्साहस” से निपटने के लिए आक्रामक रुख बरकरार रखा जाए.

चीनी सेना द्वारा पैंगोंग सो, डेपसांग और गोगरा जैसे टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ने के मद्देनजर अत्यधिक चौकसी बरतने का नया दिशानिर्देश जारी किया गया है. भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में और एलएसी पर अन्य सभी संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ाके की सर्दी के मौसम में एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदा संख्या बरकरार रखने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है. सेना अग्रिम मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए बड़ी संख्या में हथियार, गोला-बारूद और विंटर गियर खरीदने की प्रक्रिया से गुजर रही है. एलएसी पर ऊंचाई वाले कुछ इलाकों में सर्दी के मौसम में तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

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