तंजावुर (तमिलनाडु): रक्षा मंत्री एके एंटनी ने हिंद महासागर इलाके में भारत की मौजूदगी मजबूत करने के लिए आज यहां दक्षिण भारत में लड़ाकू विमान के पहले अड्डे का उद्घाटन किया जहां भारतीय वायुसेना अपने सबसे घातक एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान तैनात करेगी.
एंटनी ने हवाई ठिकाने का उद्घाटन करने के बाद कहा, तंजावुर हवाई अड्डा सामरिक दृष्टि से भारतीय वायुसेना का एक अन्य महत्वपूर्ण वायु ठिकाना होगा. तंजावुर में अपनी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोई को तैनात करके आईएएफ व्यापक हितों की रक्षा कर सकता है. रक्षा मंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत में लड़ाकू विमानों के पहले ठिकाने की स्थापना मौजूदा भू-राजनीतिक परिदृश्य और प्रायद्वीपीय क्षेत्र एवं हिंद महासागर में खतरे की आशंका के मद्देनजर महत्वपूर्ण है.
एंटनी ने कहा, यहां समुद्री डकैती और आतंकवाद का खतरा है. हालांकि हमारा देश शांति प्रिय है, हमें हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर किसी भी प्रकार के हमले का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहना होगा.
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस वायु ठिकाने पर तैनात किए जाने वाले विमान इलाके में सभी सामरिक और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को सुरक्षा मुहैया कराने में समर्थ होंगे.
उन्होंने कहा, भारतीय वायु सेना इस अड्डे से हमारे हितों की रक्षा कर सकेगी इसलिए नए वायु ठिकाने और सुखोई की तैनाती से देश और पड़ोस में विश्वास पैदा होगा. उद्घाटन समारोह के दौरान दो सुखोई-30 विमानों ने परेड की.
अगले कुछ वर्षों में आवश्यक सुविधाएं स्थापित करने के बाद इस वायु ठिकाने पर 2017-18 तक सुखोई का पूरा दस्ता( 16 से 18 जेट) तैनात कर दिया जाएगा. अभी तक भारत ने रुस से अनुबंधित 272 सुखोई-30 एमकेआई में से 170 को सेना में शामिल किया जा चुका है.
पुणे और बरेली में सुखोई को पहले की तैनात किया जा चुका है जबकि तेजपुर, चाबुआ, हलवारा और जोधपुर में भी ये तैनात हैं.आईएएफ के सूत्रों ने बताया कि सेना तंजावुर में इस वायु ठिकाने पर मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) भी तैनात कर सकती है क्योंकि वह पहले भी उन्हें यहां से संचालित कर चुकी है.