बालासिनोर (गुजरात) : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ही गढ़ में चुनौती देते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उनकी सरकार पर किसानों की जमीन चोरी करने का आरोप लगाया.
राहुल ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार द्वारा शुरु की गयी योजनाओं का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम लिए बगैर राहुल ने यह भी कहा कि मोदी नाजी तानाशाह एडॉल्फ हिटलर की तरह काम करते हैं.
राहुल ने भ्रष्टाचार से मुकाबले की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मोदी पर अपने कैबिनेट में भ्रष्ट मंत्रियों को बनाए रखने का आरोप लगाया. बालासिनोर में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, गुजरात में किस तरह की चौकीदारी हो रही है. किसानों से लाखों एकड़ जमीन छीनी जा रही है और उद्योगपतियों को दी जा रही है.
जब किसान कुछ कहते हैं तो उनकी आवाज को अनदेखा किया जाता है. राहुल ने अपने मौजूदा गुजरात दौरे के दौरान पहली रैली में कहा, क्या किसानों की जमीन चुराना चौकीदारी है ? इसे चोरी कहते हैं न कि चौकीदारी. मोदी अपनी रैलियों में कहते रहे हैं कि यदि भाजपा सत्ता में आती है तो वह देश के खजाने के चौकीदार के तौर पर काम करेंगे.
साल 2004 के लोकसभा चुनावों के समय भाजपा की इंडिया शाइनिंग मुहिम और मोदी के नेतृत्व में गुजरात के विकास के उसके दावों का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि पूरे देश में प्रचारित किया जा रहा है कि गुजरात चमक रहा है जबकि हकीकत यह है कि यह चमक चंद उद्योगपतियों के लिए है और इससे गरीबों को कोई फायदा नहीं हुआ है.
भाजपा पर कांग्रेस द्वारा शुरु किए गए कार्यक्रमों का श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक दशक बाद विपक्षी पार्टी के नेता दावा करेंगे कि उन्होंने ही मनरेगा और भोजन के अधिकार की शुरुआत की. मनरेगा और भोजन का अधिकार कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं.
राहुल ने कहा, नेता दो तरह के होते हैं. पहली श्रेणी में ऐसे नेता आते हैं जो लोगों के बीच जाते हैं, जिनकी विचारधारा होती है और जो मानते हैं कि ज्ञान लोगों के पास होता है. ऐसा नेता लोगों के बीच जाता है और उनसे बात करता है और उनसे सीखता है. ऐसे नेता की सोच यह होती है कि ज्ञान का भंडार तो लोगों में होता है. ऐसा नेता लोगों को समझना चाहता है और उसमें कोई अहंकार नहीं होता.
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, फिर दूसरी श्रेणी के नेता होते हैं, जिसका बेहतरीन उदाहरण शायद हिटलर है. हिटलर सोचता था कि लोगों के बीच जाने की कोई जरुरत नहीं है. वह मानता था कि दुनिया का सारा ज्ञान सिर्फ उसके पास है. ऐसा नेता सिर्फ यह कहता फिरता है कि उसने ये किया उसने वो किया. ऐसे नेता को लोगों के बीच जाने की जरूरत नहीं होती.