नयी दिल्ली : भाजपा के नेता और सांसद सुब्रण्यम स्वामी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से करारा झटका लगा है. शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को स्वामी की याचिका पर सुनवाई के दौरान राम जन्मभूमि विवाद पर जल्द सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज इनकार कर दिया है. पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने स्वामी को सलाह दी थी कि वह सभी पक्षों को आपसी सहमति से मसले का हल निकालने की कोशिश करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसी स्थिति में मध्यस्थता के लिए किसी न्यायाधीश की नियुक्ति भी की जा सकती है.
इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को संवेदनशील और आस्था से जुड़ा बताते हुए पक्षकारों से बातचीत के जरिये आपसी सहमति से मसले का हल निकालने को कहा था. कोर्ट का यह रुख इसलिए अहम है, क्योंकि एक बड़ा वर्ग इसे बातचीत और सामंजस्य से ही सुलझाने की बात करता रहा है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने याचिकाकर्ता और भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी से कहा कि हम नहीं जानते हैं कि आप भी इस मामले में कोई पार्टी हैं. अदालत ने कहा कि इस मामले में आपकी क्या भागीदारी है? हम इस मामले में जल्द सुनवाई नहीं कर सकते.
Supreme court bench to Subramanian Swamy: "What is your locus standi in the case? We don't have time to hear you now #RamTemple
— ANI (@ANI) March 31, 2017
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 2010 में जन्मभूमि विवाद में फैसला सुनाते हुए जमीन को तीनों पक्षकारों में बांटने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने जमीन को रामलला विराजमान, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ बोर्ड में बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सभी पक्षकारों ने सुप्रीमकोर्ट में अपीलें दाखिल कर रखी हैं जो कि पिछले छह साल से लंबित हैं.