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सिद्धू के लाफ्टर शो मामले में अमरिंदर ने फंसायी कानूनी पेंच, कहा – अटार्नी जनरल ने नहीं दिया है सुझाव

चंडीगढ़ : पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री, पूर्व क्रिकेटर और हास्य कलाकार कपिल शर्मा के लाफ्टर शो के जज नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यक्रमों के मसले पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कानूनी पेंच फंसाते हुए कहा कि उन्हें सिद्धू के कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार का कोई ऐतराज नहीं है. अगर कानूनी एवं संवैधानिक प्रावधान […]

चंडीगढ़ : पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री, पूर्व क्रिकेटर और हास्य कलाकार कपिल शर्मा के लाफ्टर शो के जज नवजोत सिंह सिद्धू के कार्यक्रमों के मसले पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कानूनी पेंच फंसाते हुए कहा कि उन्हें सिद्धू के कार्यक्रम को लेकर किसी प्रकार का कोई ऐतराज नहीं है. अगर कानूनी एवं संवैधानिक प्रावधान इसकी इजाजत देते हैं, तो उन्हें छूट देने में भी कोई दिक्कत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल अटॉर्नी जनरल का सुझाव सिद्धू के कार्यक्रम के खिलाफ है.

विभागों के बंटवारे को लेकर असंतुष्ट सिद्धू की बात पर उन्होंने ने कहा कि हितों के टकराव की स्थिति में वह सिद्धू का संस्कृति विभाग बदल सकते हैं. सिद्धू पंजाब में मंत्री रहने के बाद भी टेलीविजन सीरियल पर काम करने को लेकर विवादों के केंद्र में हैं. उन्होंने यह कहते हुए अपना टीवी सीरियल जारी रखने की इच्छा प्रकट की है कि उन्हें अपनी जीविका चलानी है. सिंह से जब उनके इन मंत्रिमंडलीय सहयोगी की शुचिता के मुद्दे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि मैं संवैधानिक स्थिति नहीं जानता.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पंजाब के महाधिवक्ता से राय मांगी है. संभवत: उन्होंने अभी तक उनकी फाइल को नहीं देखी है. सिद्धू एक वरिष्ठ एवं प्रतिभावान व्यक्ति हैं. फिर भी सवाल यह है कि क्या टेलीविजन शो जारी रखना उनके लिए उपयुक्त है? इस मसले पर उन्होंने भी कुछ विशेषज्ञों से भी राय ली होगी. उन्होंने कहा कि यदि यह संभव है, तो हमें किसी प्रकार की आपत्ति नहीं है. सिद्धू जैसा चाहते हैं, वैसा करके आमदनी कर सकते हैं, लेकिन वह संस्कृति मंत्री भी हैं. ऐसे में हमें उनका विभाग बदलना पड़ सकता है.

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की ओर से मांगी गयी राय के बाद अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि संविधान में निजी व्यवसाय को लेकर किसी विधायक या मंत्री को अयोग्य घोषित किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कुछ नैतिक जिम्मेदारी भी होती है. इसके अनुसार, एक लोक सेवक को किसी भी व्यावसायिक गतिविधि से खुद को अलग रखना चाहिए. अटॉर्नी जनरल रोहतगी ने कहा है कि नि:संदेह सिद्धू एक विधायक होने के साथ-साथ एक मंत्री भी हैं. मंत्री की तरह विधायक का पद भी लाभ का पद है, लेकिन ऐसा कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है, जिसके अंतर्गत निजी व्यवसाय के लिए किसी विधायक या किसी मंत्री को अयोग्य ठहराया जाये. कानूनी रूप से इसमें कोई बाधा नहीं है.

उन्होंने कहा, हालांकि इसमें नैतिक पहलू भी है. पद बड़ा हो, तो जिम्मेदारी भी बड़ी हो जाती है. आप यह कहते हैं कि आप सुबह 10 से शाम के छह बजे तक लोक सेवक हैं और शाम के छह बजे से सुबह के आठ बजे तक लोक सेवक नहीं है. लोकतंत्र इसका समर्थन नहीं करता. रोहतगी ने कहा कि आचार संहिता स्पष्ट तौर पर आपसे किसी भी तरह के वाणिज्यिक कारोबार से खुद को अलग होने को कहता है.

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खुलासे के बाद के सिद्धू ने कहा कि उन्हें लोकप्रिय हास्य कलाकार कपिल शर्मा के शो में अपनी भूमिका जारी रखने में कुछ गलत नजर नहीं आता. वह शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल की तरह ट्रांसपोर्टर नहीं हो सकते हैं, वह अपना परिवार चलाने के लिए टीवी शो करते हैं. अमरिंदर सिंह मंत्रिमंडल में स्थानीय निकाय मंत्री सिद्धू ने कहा कि मैं पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल की तरह ट्रांसपोर्टर नहीं हो सकता. मैं पैसे बनाने के लिए भ्रष्ट नहीं हो सकता. मैं अपने लोगों को धोखा नहीं दे सकता. मैं अपना परिवार चलाने और खर्चों को पूरा करने के लिए टीवी शो करता हूं.

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