नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में 66 फर्जी कॉलेज संचालित किये जा रहे हैं. वहीं, पूरे देश में 23 से विश्वविद्यालयों का फर्जी तरीके से संचालन किया जा रहा है. उच्च शिक्षा के क्षेत्र में चौंकाने वला यह आंकड़ा देश के किसी भी हिस्से में इंजीनियरिंग या अन्य टेक्निकल एजुकेशन देने वाले फर्जी कॉलेज और विश्वविद्यालयों के आंकड़ों में सबसे अधिक है. इसके साथ ही देशभर में ऐसे करीब 279 संस्थान हैं, जो छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार, इन संस्थानों के पास डिग्री देने का अधिकार नहीं है. ऐसे कॉलेजों से दिये जाने वाले प्रमाणपत्र महज एक कागज का टुकड़ा हैं. उनकी कोई वैधता नहीं है. देशभर में चल रही कुल 23 फर्जी यूनिवर्सिटी में से राजधानी दिल्ली में सात चल रही हैं.
एक सालाना रिपोर्ट में यूजीसी और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने बीते महीने ऐसे संस्थानों की सूची अपनी वेबसाइट पर जारी की थी और छात्रों को चेतावनी दी थी कि वे अगले सत्र में दाखिला लेने से पहले सतर्क रहें. एक अधिकारी ने कहा कि हमने ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित राज्यों को सूची भेजी है. इनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जायेगी.
एक अधिकारी ने बताया कि फर्जी संस्थानों को लेकर सार्वजनिक नोटिस भी जारी किया जा चुका है, जो अखबारों में भी प्रकाशित किया गया है. मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने हाल ही में राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर फर्जी संस्थानों की जांच करने के लिए कहा है. छात्रों से धोखाधड़ी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होगी.