इंदौर : बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिये नारायण साईं के पगड़ी पहनकर छद्म वेश धारण करने से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाने वाली शिकायत स्थानीय अदालत ने खारिज कर दी.
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) मनोज कुमार लडि़या ने सिखों के स्थानीय संगठन युवा सिख मोर्चा के अध्यक्ष गगनदीप सिंह भाटिया की ओर से पेश दलीलों से असहमत होते हुए उनकी शिकायत कल खारिज कर दी. गगनदीप के वकील इंद्रजीत सिंह भाटिया ने आज संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने कहा कि इस शिकायत के बूते नारायण के खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई कानूनी आधार नहीं है, क्योंकि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को हर तरह की वेश-भूषा धारण करने का अधिकार देता है.
भाटिया ने बताया कि अदालत ने नारायण के खिलाफ मुकदमा चलाने की गुहार खारिज करते हुए कहा कि बलात्कार के इस आरोपी के पगड़ी पहनने भर से यह साबित नहीं हो जाता कि इससे सिख समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं.उन्होंने बताया कि उनके मुवक्किल ने अपनी शिकायत में कहा था कि बलात्कार के संगीन मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिये नारायण ने पगड़ी पहनकर कथित तौर पर सिख व्यक्ति का हुलिया बना रखा था, जिससे सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और इस समुदाय की मजहबी पहचान को लेकर आम लोगों में गलत संदेश गया. इसलिये उसके खिलाफ सम्बद्ध कानूनी धाराओं के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिये.
सूरत में 30 वर्षीय महिला से बलात्कार के आरोपी नारायण को उसके दो साथियों के साथ हरियाणा के कुरुक्षेत्र के पास गत चार दिसंबर को पकड़ा गया था. कुल 58 दिन तक फरार रहे नारायण साईं को जब धरदबोचा गया, तब वह कथित तौर पर सिख के हुलिये में था और सर पर लाल पगड़ी पहन रखी थी.