नयी दिल्ली: इंडियन मुजाहिद्दीन का सह संस्थापक यासीन भटकल 2009 में ही सुरक्षा एजेंसियों के जाल में फंस सकता था लेकिन चोरी के एक मामले में अपनी पहचान छुपाकर वह कोलकाता पुलिस की गिरफ्त से बच निकला था.
भटकल और उसके सहयोगियों के खिलाफ दायर दूसरे आरोपपत्र में एनआईए ने कहा कि भटकल आईएम के संदिग्ध संचालक कतील सिद्दिकी के साथ 2009 में कोलकाता अपना नेटवर्क मजबूत करने गया था. कतील की जून 2012 में पुणे के यरवदा जेल के अंदर मौत हो गई थी.
जांच एजेंसी ने कहा कि कोलकाता पुलिस ने उसे चोरी की मामूली घटना में गिरफ्तार किया था लेकिन भटकल ने अपनी पहचान छिपा ली और खुद को कानून के चंगुल से मुक्त करा लिया था.