नयी दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और उस जैसी अन्य संस्थाओं के संकाय पदों में प्रोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर सरकार ने आज कहा कि एम्स में सुपरस्पेशियालिटी संकाय में आरक्षण जारी रहेगा और सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करेगी. लोकसभा में इस मुद्दे पर भारी हंगामे के बाद विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने आज लोकसभा में कहा कि एम्स में सुपरस्पेशियालिटी संकाय में आरक्षण जारी रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने पहले भी कहा था कि हमारी आरक्षण के प्रति जो नीति है, वह जारी रहेगी. हमने उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर की थी और शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके बारे में सरकार को निर्णय करना है. अब यह अपने आप में स्पष्ट है.’’ सिब्बल ने कहा, ‘‘ आरक्षण के संबंध में हमारी नीति बनी रहेगी. ’’ डीओपीटी के सकरुलर के बारे में सदस्यों के सवाल पर कार्मिक एवं जन शिकायत राज्य मंत्री वी नारायणसामी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस बारे में सरकार को निर्णय करना है. ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करेंगे. सरकार की नीति आरक्षण के पक्ष में है.’’
हालांकि सदस्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने भोजनावकाश के करीब आधे घंटे बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.’’ इससे पहले, जनता दल यू के शरद यादव ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए कहा कि इस बारे में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद सरकार ने संविधान संशोधन करने का आश्वासन दिया था लेकिन सरकार अब तक इस संबंध में संविधान संशोधन विधेयक नहीं लायी है जबकि पंद्रहवीं लोकसभा का यह अंतिम सत्र है.
शरद ने आरोप लगाया कि संविधान संशोधन लाने की बजाए सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने विभन्न मंत्रलयों एंव विभागों को पत्र लिखकर उनसे उनके यहां वैज्ञानिक एवं तकनीकी पदों की पहचान करने को कहा है. गरीबों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए शरद ने कहा कि यह सरकार सभी की बात करती है लेकिन गरीबों की बात नहीं करती. उनका कहना था कि सरकार आरक्षण के नाम पर गरीबों को जलील करने का काम कर रही है. जदयू नेता ने सरकार से यह भी जानना चाहा कि आखिर जाति आधारित जनगणना का क्या हुआ.
समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव ने भी यादव की बातों का समर्थन किया. उन्होंने साथ ही उत्तर प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने की भी मांग उठायी. इसके साथ ही कई दलों के सदस्य अपने अपने स्थानों पर खड़े होकर आरक्षण का मुद्दा उठाने लगे. कुछ सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष भी आ गये और अपनी बात रखने लगे. अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से अपने अपने स्थान पर जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि अंतरिम बजट को पारित किये जाना है, इसलिए वह व्यवस्था बनायें. हंगामा बढता देख उन्होंने कार्रवाई करीब एक बजे दो बजे के लिए स्थगित कर दी.
दो बजे कार्यवाही शुरु होने पर कांग्रेस के पी एल पुनिया ने कहा कि डीओपीटी में समाज के कमजोर एवं पिछडे वर्ग के लोगों के प्रति संवेदनशील लोगों को नियुक्त करना चाहिए और सरकार को डीओपीटी के सकरुलर को तत्काल वापस लेना चाहिए.भाजपा के गोपीनाथ मुंडे ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने आरक्षण को आगे बढ़ाने का काम किया था. भाजपा हमेशा से पिछड़े वर्ग को आरक्षण के पक्ष में रही है और इसलिए पिछड़े वर्ग से आने वाले नरेन्द्र मोदी को पार्टी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है.