नयी दिल्ली : राज्यसभा का 241वां सत्र आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया और इसके पहले सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही में लगातार व्यवधान पर अप्रसन्नता जताए हुए सभी पक्षों से आत्मविश्लेषण का आह्वान किया.
अंसारी ने सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में व्यवधान पर काफी निराशा जतायी. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि दिसंबर 2013 में 221वें सत्र के समापन पर उन्होंने जो टिप्पणी की थी, उसे दोहराने कीजरूरतनहीं होगी. लेकिन उनकी उम्मीदें गलत साबित हुई. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नियमित और लगातार व्यवधान इस सत्र की खासियत रही. हंगामे के कारण सदस्यों को सवालों तथा लोक महत्व के विभिन्न मुद्दों के तहत कार्यपालिका को जवाबदेह बनाने का मौका नहीं मिल सका.
अंसारी ने कहा कि नारेबाजी, पोस्टर दिखाने और कार्यवाही को बाधित किए जाने से संबंधित नियमों की सदन के सभी पक्षों द्वारा लगातार अवहेलना की गयी. उन्होंने कहा कि सदन में शांति सिर्फ उसी समय रही जब दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी. उन्होंने कहा कि सदन के सभी तबकों को असंतोष, व्यवधान और आंदोलन के बीच अंतर पर आत्मविश्लेषण करने की आवश्यकता है.
सभापति ने कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी 16 नवंबर और 24 नवंबर को नोटबंदी के मुद्दे पर उपयोगी चर्चा हुई. लेकिन चर्चा अधूरी रही. सत्र के दौरान सदन ने 14 दिसंबर को निशक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक 2016 पारित किया. सभापति के पारंपरिक संबोधन के बाद सदन में राष्ट्रगीत की धुन बजायी गई. उसके बाद सदन को पूर्वाह्न 11 बजकर 20 मिनट पर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया.