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हैकरों के निशाने पर सरकारी सर्वर, जानिए कैसे-कैसे हैं हैकर्स ग्रुप

नयी दिल्ली : हाल ही में राहुल गांधी, विजय माल्या और कुछ चर्चित पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट हैक करनेवाले हैकर ग्रुप लीजन की नजर अब भारत के सरकारी वेबसाइट sansad.nic.in पर है. यह साइट सरकारी कर्मचारियों के इ-मेल सेवा मुहैया करवाती है. लीजन ग्रुप के एक सदस्य ने दावा किया है कि उसकी पहुंच सभी […]

नयी दिल्ली : हाल ही में राहुल गांधी, विजय माल्या और कुछ चर्चित पत्रकारों के ट्विटर अकाउंट हैक करनेवाले हैकर ग्रुप लीजन की नजर अब भारत के सरकारी वेबसाइट sansad.nic.in पर है. यह साइट सरकारी कर्मचारियों के इ-मेल सेवा मुहैया करवाती है. लीजन ग्रुप के एक सदस्य ने दावा किया है कि उसकी पहुंच सभी सरकारी सर्वर तक हो गयी है. इनमें अपोलो जैसे मशहूर अस्पताल भी शामिल हैं, जहां तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का निधन हुआ था. हालांकि, लीजन इन सर्वर के डाटा को रिलीज नहीं कर रहा है, क्योंकि ऐसा करने से देश में अफरातफरी मचने की आशंका है. इन हैकरों का यह भी दावा है कि भारत का डिजिटल बैंकिंग सिस्टम आसानी से साइबर हमले का शिकार हो सकता है.

फैक्ट्रीडेली और वाशिंगटन पोस्ट के साथ एक साक्षात्कार में लीजन ने बेसिक डाटा सिक्योरिटीज जैसे पहलुओं पर भी बातचीत की. वाशिंगटन पोस्ट में विदेशी मामलों के बारे में लिखनेवाले मैक्स बिराक ने कहा, ‘जब मैंने उनसे पूछा कि उनके पास इतना सारा आंकड़ा कैसे पहुंचा, तो उनका कहना है कि वे भारत के 40,000 से अधिक सर्वरों को हैक किया. लीजन ने कहा कि यह तो केवल शुरुआत भर है. आनेवाले कुछ दिनों में और भी आंकड़े सामने आयेंगे.

कार्ड से लेन-देन में रखिए सावधानी

नोटबंदी के बाद एटीएम कार्ड से लेन-देन और डिजिटल भुगतान पर सरकार का जोर है. लेकिन, यह चिंता की बात है कि भारत के 70% एटीएम माइक्रोसॉफ्ट के पुराने विंडोज पर चल रहे हैं, जहां साइबर अटैक से बचने के लिए किसी तरह का तकनीकी सपोर्ट नहीं है. ऐसे में खतरा यह है कि कोई एटीएम कार्ड से लेन-देन के दौरान हैकर कहीं आपके एटीएम कार्ड से जुड़ी जानकारी न हासिल कर लें. अक्तूबर में देश के कई बड़े बैंकों में साइबर सेंध लगी थी. इससे लाखों एटीएम को ब्लॉक करना पड़ा था. एक अंगरेजी अखबार ने हाल ही में खुलासा किया है कि भारत के 2.02 लाख एटीएम में से 70% ऐसे हैं, जिनमें पुराने विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे एटीएम में सिक्युरिटी अपडेट, सिक्युरिटी चेक की सुविधा नहीं है. आठ अप्रैल, 2014 के बाद से विंडोज एक्सपी के लिए माइक्रोसॉफ्ट इस तरह की सुविधा बंद कर चुका है. चिपसेट कंपनी क्वालकॉम के वरिष्ठ निदेशक उत्पाद प्रबंधन एसवाई चौधरी का कहना है कि भारत में वॉलेट और मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशंस द्वारा हार्डवेयर स्तर की सुरक्षा का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, जिससे ऑनलाइन लेनदेन अधिक सुरक्षित हो सकता है.

एसोचैम की रिपोर्ट में खुलासा

एसोचैम और अर्नेंस्ट यंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैशलेश इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस और साइबर अपराध पर रोक लगाना सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. एक अनुमान के मुताबिक, 2017 तक मोबाइल से होनेवाले लेन-देन में धोखाधड़ी 60-65 फीसदी तक बढ़ सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपिनयों के लिए मोबाइल से होनेवाली धोखाधड़ी सबसे बड़ी चिंता का कारण है, क्योंकि 40-45 फीसदी वित्तीय लेन-देन मोबाइल के जरिये किये जाते हैं.

सुरक्षा अभ्यास होगा

आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आइटी विभाग जल्द बैंकों और नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के लिए सुरक्षा अभ्यास का आयोजन करेगा. इसका मकसद ऑनलाइन भुगतान को सुरक्षित बनाना है.

जानिए कैसे-कैसे हैकर्स ग्रुप

लीजन : अमेरिका में लीजन ऑफ डूम नाम का एक मशहूर हैकर ग्रुप की स्थापना लेक्स लुथर ने की थी, जो 1990 के दशक से 2000 के शुरुआती दशक तक सक्रिय थे.

आवर माइन : हैकरों का यह ग्रुप उस वक्त सुिर्खयों में आया, जब फेसबुक के सीइओ मार्क जुकरबर्ग और गूगल के सीइओ सुंदर पिचाई के सोशल मीडिया अकाउंट हैक हुए.

लुल्सेक : इस हैकर ग्रुप ने 2011 में सोनी पिक्चर्स के डाटाबेस हैक किये थे.पहला निशाना फॉक्स की वेबसाइट बनी थी. ग्रुप ने मीडिया मुगल मर्डोक‍ के न्यूज कॉरपोरेशन को हैक किया था.

सीरियन इलेक्ट्रॉनिक आर्मी : इस ग्रुप के लोग ईरान के हैं, जो पश्चिमी देशों के राजनीतिक और न्यूज संस्थानों को हैक करने के लिए कुख्यात हैं. इराक युद्ध का डाटा हैक किया था.

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