32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

हिन्दुत्व संबंधी फैसले पर सुनवाई शुरू करेगी शीर्ष अदालत की सात जजों की पीठ

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय चुनावी लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने को ‘‘भ्रष्ट क्रियाकलाप’ बताते वाले चुनावी कानून पर साधिकार घोषणा वाले दो दशक पुराने हिन्दुत्व संबंधी अपने फैसले पर फिर से विचार करने वाला है.प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति एसए बोब्दे, न्यायमूर्ति एके गोयल, न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड […]

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय चुनावी लाभ के लिए धर्म का दुरुपयोग करने को ‘‘भ्रष्ट क्रियाकलाप’ बताते वाले चुनावी कानून पर साधिकार घोषणा वाले दो दशक पुराने हिन्दुत्व संबंधी अपने फैसले पर फिर से विचार करने वाला है.प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति एमबी लोकुर, न्यायमूर्ति एसए बोब्दे, न्यायमूर्ति एके गोयल, न्यायमूर्ति यूयू ललित, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की सात न्यायाधीशों वाली पीठ इस मामले में मंगलवार को अपनी महत्वपूर्ण सुनवाई शुरु कर सकती है.

फरवरी 2014 में शीर्ष अदालत ने यह मामला सात न्यायाधीशों की पीठ के पास भेजा था.यह मुद्दा महत्वपूर्ण है क्योंकि वर्ष 1995 के इसके फैसले पर सवाल उठाये गए थे और कहा गया था कि ‘‘हिन्दुत्व, हिन्दूवाद’ के नाम पर वोट किसी उम्मीदवार को पूर्वाग्रह से प्रभावित नहीं करता और तब से शीर्ष अदालत में तीन चुनावी याचिकाएं इस विषय पर लंबित हैं.
शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 1995 में व्यवस्था दी थी कि ‘‘हिन्दुत्व, हिन्दूवाद उपमहाद्वीप में लोगों की जीवनशैली है और यह मनोवृत्ति है.’ यह फैसला मनोहर जोशी बनाम एनबी पाटिल मामले में सुनाया गया जिसे न्यायमूर्ति जेएस वर्मा ने लिखा था जिसमें पाया गया कि जोशी का बयान कि ‘‘महाराष्ट्र में पहला हिन्दू राज्य स्थापित होगा’, धर्म के आधार पर अपील के लायक नहीं है.यह टिप्पणी जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 123 की उपधारा तीन में बताए गए भ्रष्ट क्रियाकलापों के दायरे के संबंध में सवालों से निपटते हुए की गई थी.
तीस जनवरी 2014 (शुक्रवार) को इस कानून की धारा 123 की उपधारा तीन की व्याख्या का मुद्दा पांच न्यायाधीशों की पीठ के सामने आया था जिसने इसे जांच के लिए सात न्यायाधीशों की बडी पीठ के पास भेजा.सात न्यायाधीश की पीठ भाजपा नेता अभिराम सिंह द्वारा 1992 में दायर अपील पर गौर करेगी जिनका बंबई उच्च न्यायालय ने 1991 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन निरस्त कर दिया गया था

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें