नयी दिल्ली : हिंदू मान्यता के अनुसार मरनोपरांत अस्थियां गंगा में विसर्जित करने का प्रावधान है. लेकिन पाकिस्तान के हिंदुओं को शायद ही यह गति मिल पाती है. पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए मोक्ष लेकर कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत रामनाथ मिश्रा गुरुवार को 160 हिंदुओं की अस्थियां लेकर भारत आए. उन अस्थियों को हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी में विसर्जित किया गया. रामनाथ मिश्रा जब अटारी बॉर्डर पर पहुंचे तो उनका स्वागत करने अमृतसर से फोकलोर रिसर्च अकादमी के प्रधान रमेश यादव, गुरुद्वारा सतलानी साहिब के मैनेजर राजिंदर सिंह रूबी सहित कई लोग पहुंचे.
रामनाथ मिश्रा के साथ उनका 14 साल का भतीजा कबीर कुमार भी भारत आया है. भारत आने के बाद मिश्रा ने कहा कि उन्होंने 10 लोगों का वीजा अप्लाई किया था पर मिला दो ही लोगों को. इस वजह से वे और 40 अस्थि कलश नहीं ला पाएं. गौरतलब है कि 2009 से पाक हिंदुओं की अस्थियां लाकर हरिद्वार में प्रवाहित करने की लड़ाई लड़ रहे मिश्रा ने बताया, 2011 में वह 135 हिंदुओं की अस्थियां ला चुके हैं. वीजा न मिलने से अक्सर आम परिवार शवों को जलाने के बाद उनकी राख मंदिरों में रख देते हैं.
पिछले कुछ दिन से सक्खर के पास समुद्र किनारे खारे पानी में अस्थि विसर्जन शुरू किया गया है जोकि सनातन परंपरा के अनुसार ठीक नहीं है. आपको बता दें कि आज से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है. इन पंद्रह दिनों तक पितरों का तर्पण किया जाता है और श्राद्ध किया जाता है. पितरों को जल देने की भी परंपरा है. भारत में आश्विन शुक्ल पक्ष को पितृपक्ष के रूप में माना जाता है.