नयी दिल्ली : तुर्की में सेना के एक गुट ने तख्ता पलट की कोशिश को पूरी तरह से नाकाम कर दिया गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन इस बाबत बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है. अब तक इस कार्य में लिप्त 3000 सैन्य कर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. गौरतलब है कि शुक्रवार देर रात सेना के तख्तापलट करने की कोशिश में अब तक 250 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं 1,154 लोग घायल बताये जा रहे हैं. इस तख्ता पलट की कोशिश के प्रत्यक्षदर्शी सुमित वालिया ने बताया है कि वह इस्तांबुल में स्ट्रीट फूड का मजा ले रहे थे तभी यह खबर उनको मिली. वालिया जो जमशेदपुर के निवासी हैं, अभी जर्मनी में रहते हैं. तख्ता पलट की कोशिश के दौरान वह बिजनेस टूर पर तुर्की गए थे.
इस घटना के संबंध में सुमित वालिया ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की और वहां जारी गतिविधि के संबंध में बताया. उन्होंने कहा कि इस्तांबुल सेंट्रल में मैं अपने बिजनेस एसोसिएट्स के साथ स्ट्रीट फूड का मजा ले रहा था, वक्त करीब 11.30 pm का था. तभी अचानक चारों ओर अजीब सी हलचल मच गई. सभी अपने स्मार्टफोन की ओर झांकने लगे. सभी यह पता लगाने लगे कि आखिर हुआ क्या है ? सभी फोन में व्यस्त हो गए. तभी मेरे कानों तक सायरन की आवाज गूंजनी शुरू हो गई. कुछ लोग तो अपने खाने को अधे में ही छोडकर भाग खड़े हुए. कुछ लोग समूहों में एकत्रित हो गए और गहन चिंतन में डूब गए.
अचानक हेलीकाप्टरों ने हमारे ऊपर मंडरा शुरू किया जो काफी नजदीक था. तब हमें जानकारी हुई कि देश में सैन्य तख्तापलट की कोशिश जारी है. इतना सुनकर वहां मौजूद लोग परेशान हो गए. इन लोगों में हम भी शामिल थे. मेरे बिजनेस एसोसिएट्स ने कहा कि मैं भी सुरक्षिरत बच जाऊंगा यदि इस होटल को छोडकर निकल जाऊं. उन्होंने मुझे अपने दफ्तर में पनाह दी. दफ्तर पहुंचने में हमें 30 मिनट का समय लगा. सड़क पर जाम लग गया था और लोग पीड़ा में नजर आ रहे थे. वे अपने घर जाने की जल्दी में दिख रहे थे.
तख्ता पलट की खबर से हम काफी चिंतित हो गए. हम लगातार जानकारी जुटाने में लग गए कि आखिर देश में क्या चल रहा है. 2 बजे के लगभग राष्ट्रपति के समर्थक सड़क पर निकले और उनके समर्थन में नारे लगाने लगे. तभी हमें वहां फायरिंग और धमाकों की आवाज सुनाई पडी. हम यह समझ गए कि यहां रहना हमारे लिए खतरे से खाली नहीं है. हम फौरन वहां से निकले और मेरी होटल की ओर कूच कर गए. रास्ते में जो मैंने देखा वह काफी मार्मिक था. कुछ लोगों को गोली लगी थी और वह सड़क पर पडे थे. हेलिकॉप्टर इतने नजदीक उड़ रहे थे कि ऐसा लग रहा था, कोई भी उसे टच कर सकता है.
जब हम होटल पहुंचे तो फायरिंग की आवाज सुनी. मैंने अपने फोन से वहां का वीडियो बनाना चाहा लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों मुझे ऐसा करने से रोक दिया. उन्होंने हमें फौरन होटल के अंदर जाने की सलाह दी. रात के करीब 3 बजे हमें जानकारी मिली कि सेना ने एयरपोर्ट को कब्जे में ले लिया है.