नयी दिल्ली: चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबर्दस्त हार के लिए महंगाई को जिम्मेदार ठहराये जाने के बीच कांग्रेस कार्य समिति की विस्तारित बैठक के दौरान आज सरकार निशाने पर रही और पार्टी के नेताओं ने उससे कहा कि वह लोकसभा चुनाव से पहले साथ मिलकर कार्य करे.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार को आम आदमी को लाभ पहुंचाने वाले कदम उठाने चाहिए जिसमें सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 करने और पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने से परहेज शामिल हैं. कार्यसमिति के एक सदस्य ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ‘घिर’ गए थे और नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार को एलपीजी सिलेंडरों के मुद्दे पर निर्णय करने में देरी नहीं करनी चाहिए.
केरल प्रदेश कांग्रेस प्रमुख रमेश चेन्नीथला हमला करने वालों में सबसे आगे थे. जानकारी है कि उन्होंने बैठक में कहा, ‘‘यह विचार करने की जरुरत है कि क्या हम उदारीकरण में मानवीय चेहरे के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’’उन्होंने खुदरा में एफडीआई का विरोध किया. कांग्रेस महासचिव एवं राहुल गांधी के नजदीकी मधुसूदन मिस्त्री ने भी गरीब समर्थक चेहरे वाली नीतियों की जरुरत बतायी. यह भी मांग उठी कि आर्थिक नीतियों की ‘‘समीक्षा’’ की जरुरत है.
इस बैठक के दौरान मौजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी चिदंबरम नहीं बोले. चार राज्यों में हार के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि महंगाई हार के कारणों में से एक है.