रायपुर : छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने बुधवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के वाहन को बारुदी सुरंग विस्फोट में उड़ा दिया जिसमें एक अधिकारी समेत सात जवान शहीद हो गए. इस मामले में सीआरपीएफ का मानना है कि सैन्य जवानों के अभियान से जुड़ी जानकारी लीक होने के कारण इतना बड़ा हादसा हुआ. इस मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है.वहीं घटना के बाद राज्य के गृहमंत्री ने कहा कि नियमों की अनदेखी की वजह से नक्सली अपने मंसूबों में कामयाब हुए.
सूचना हुई थी लीक
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का मानना है कि दंतेवाडा में घातक बारुदी सुरंग विस्फोट में मरने वाले उसके कर्मियों की आवाजाही से जुडी जानकारी ‘‘लीक” हुई थी और उसने ऐसे जासूस का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है. इस अर्द्धसैन्य बल का मानना है कि यह जासूस इस बल के ‘‘भीतर का भी हो सकता है और बाहर का भी.” सीआरपीएफ महानिदेशक के. दुर्गा प्रसाद ने कहा, ‘‘यह तय है कि उनकी आवाजाही से जुडी जानकारी लीक हुई थी. कहीं न कहीं या किसी न किसी स्तर पर ऐसा हुआ है. जवानों की आवाजाही औचक और अभियान से परे की थी और इसलिए वे सादे कपडों में थे. हम इसकी जांच कर रहे हैं.” कल नक्सलियों द्वारा किए गए घातक बारुदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के सात जवान मारे गए थे. माओवादी हिंसा से बेहद प्रभावित दंतेवाडा जिले में इस विस्फोट के कारण सडक पर चार फुट गहरा गड्ढा हो गया था. बीती देर रात छत्तीसगढ पहुंचे महानिदेशक मेलावाडा गांव के पास विस्फोट स्थल पर जाएंगे. यही वह जगह है, जहां नक्सलियों ने टाटा-709 मिनी ट्रक को विस्फोट कर उडा दिया था. सीआरपीएफ के जवान इस वाहन में सवार होकर एक शिविर से दूसरे शिविर जा रहे थे.
शहीद हुआ झारखंड का लाल
इस घटना में गुमला के प्रदीप तिर्की व सीआरपीएफ के एक अधिकारी समेत सात जवान शहीद हो गये. प्रदीप तिर्की बसिया स्थित रायकेरा के निवासी थे. राज्य के नक्सल अभियान के विशेष पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने बताया कि जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया. सीआरपीएफ के 230वीं बटालियन के जवान जिले के नेरली स्थित अपने बटालियन मुख्यालय से मिनी ट्रक में सवार होकर कंपनी शिविर भूसारास की ओर रवाना हुए थे.जवान जब कलारपारा गांव के करीब पहुंचे, तब यह विस्फोट हुआ और वाहन छिटक कर सड़क से दूर जा गिरा. सडक में लगभग साढ़े चार फीट गहरा गड्ढा हो गया. सीआरपीएफ के सभी जवान सादी वर्दी में थे और निहत्थे थे.
ये हुए शहीद
सीआरपीएफ के सहायक उपनिरीक्षक डी बिजय राज, हवलदार प्रदीप तिर्की (बसिया, गुमला निवासी), आरक्षक रूप नारायण दास, आरक्षक देवेंद्र चौरसिया, आरक्षक रंजन दास, आरक्षक वाहन चालक नाना उदय सिंह और आरक्षक जे राजेंद्रन घटना में शहीद हुए.