नयी दिल्ली : अमेरिका के वाणिज्य, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रशासन विभाग में सह मंत्री (वैश्विक बाजार) अरुण कुमार का कहना है कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएसटी व भूमि अधिग्रहण विधेयक जैसे लंबे समय से लंबित सुधारों के कार्यान्वयन में उतनी तेजी नहीं दिखाई है जितनी अपेक्षित थी. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी कंपनियों से धैर्य रखने को कहा है क्योंकि सुधारों का कार्यान्वयन रातोंरात नहीं किया जा सकता.अरुण कुमार यहां एशिया सोसायटी, केपीएमजी व अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. इस संगोष्ठी का विषय ‘भारत अमेरिका संबंध तथा भारतीय बजट 2016 का असर’ था.
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अमेरिकी अधिकारी ने कहा, धीमी है मोदी सरकार
नयी दिल्ली : अमेरिका के वाणिज्य, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रशासन विभाग में सह मंत्री (वैश्विक बाजार) अरुण कुमार का कहना है कि भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने जीएसटी व भूमि अधिग्रहण विधेयक जैसे लंबे समय से लंबित सुधारों के कार्यान्वयन में उतनी तेजी नहीं दिखाई है जितनी अपेक्षित थी. इसके साथ ही उन्होंने अमेरिकी कंपनियों […]
उन्होंने कहा,‘ नियामकीय माहौल में स्थायीत्व के अभाव, प्रणालीगत बुनियादी ढांचा दिक्कतों, पारदर्शिता की कमी व कंपनी संचालन नियमों में अनिश्चितता के चलते अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत में व्यापार करना अब भी कठिन है.’ उन्होंने कहा,‘ हम इन मुद्दों को लेकर लगातार भारत सरकार से संवाद कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि भारत के साथ अमेरिकी व्यापार व निवेश बहुत कुछ स्थानीय व्यापारिक माहौल को मजबूत बनाने के भारत सरकार के प्रयासों पर निर्भर करता है.
इसके साथ ही कुमार ने बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण को अमेरिकी फर्मों के लिए अन्य प्रमुख चिंता करार दिया जिस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की जरुरत है ताकि और अधिक विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया जा सके.उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को भारत में जीएसटी, भूमि अधिग्रहण विधेयक व दिवाला संहिता जैसे ‘लंबे समय से लंबित सुधारों को मंजूरी व कार्यान्वयन’ का इंतजार है जिनसे वहां व्यापार करने के बोझ में भारी कमी आएगी.
अरुण कुमार ने कहा- मोदी सरकार को इन बाधाओं की पूरी जानकारी है और भले ही यह अपेक्षित तेजी से काम नहीं कर रही हो, उसने अनेक शुरुआती सकारात्मक कदम उठाए हैं.’ इस संबंध में उन्होंने जटिल कर मुद्दों पर भारत द्वारा की गई ‘वास्तविक प्रगति’ तथा रक्षा व रेलवे क्षेत में विदेशी निवेश संबंधी नियमों में ढील देने सहित अन्य मामलों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत ने कृषि क्षेत्र को लेकर पुरानी चिंताओं पर ध्यान देने की ‘शुरुआती इच्छा’ दिखाई है. अरुण कुमार ने कहा कि भारत में उपलब्ध वृद्धि के व्यापक अवसरों को देखते हुए अमेरिकी कंपनियां को धैर्य दिखाना होगा क्योंकि सुधार रातों रात नहीं किये जा सकते
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