13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

देश के अलग अलग हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं ने दिखाया असर

नई दिल्ली : प्राकृतिक आपदाओं ने पूरे साल देश के अलग अलग हिस्सों में अपना असर दिखाया लेकिन इनमें उत्तराखंड की त्रासदी सर्वाधिक भयावह रही जहां करीब 1,000 लोगों की जान चली गयी और लगभग 5,000 लोगों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. उत्तराखंड ने इस साल भीषण तबाही देखी. मानसून से […]

नई दिल्ली : प्राकृतिक आपदाओं ने पूरे साल देश के अलग अलग हिस्सों में अपना असर दिखाया लेकिन इनमें उत्तराखंड की त्रासदी सर्वाधिक भयावह रही जहां करीब 1,000 लोगों की जान चली गयी और लगभग 5,000 लोगों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है.

उत्तराखंड ने इस साल भीषण तबाही देखी. मानसून से पहले मध्य जून में लगातार तीन दिन हुई मूसलाधार बारिश ने प्रदेश के रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ. जिलों में जान और माल की व्यापक तबाही मचायी. रुद्रप्रयाग जिले में चौराबारी ताल के तटबंध में बड़ी दरार आने से मंदाकिनी नदी में आयी भीषण बाढ़ ने केदारनाथ मंदिर और उसके आसपास के इलाकों में कहर ढाया और दर्शन करने आये तीर्थयात्रियों तथा वहां के रहने वाले स्थानीय लोगों को इस कहर से बचने का मौका भी नहीं मिला.

इस प्राकृतिक आपदा में जहां करीब 1,000 लोगों की जान चली गयी वहीं लगभग 5,000 लोगों का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. प्रभावित स्थानों पर सड़कों और पुलों के अलावा बाढ़ के पानी में इमारतें भी समा गयीं और बर्बादी, तबाही तथा विनाशलीला की गाथा पीछे रह गयी.

त्रासदी की भयावहता का अंदाजा स्वयं राज्य सरकार को भी समय रहते नहीं लग पाया और करीब दो-तीन दिन के बाद व्यापक स्तर पर बचाव और राहत अभियान शुरु हुआ. उत्तराखंड में बारिश से मची तबाही में फंसे लोगों को बचाने के लिए चलाए गए राहत एवं बचाव अभियान में रक्षाबलों ने 8,500 से अधिक जवानों और करीब 20 विमानों को तैनात किया. बचाव एवं राहत अभियान में लगे एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से सेना के कुछ जवान भी मारे गए.

देश के अन्य हिस्सों में भी अलग अलग तरह की आपदाएं आईं. ओडिशा के केंद्रपाड़ा में 18 मार्च को राजकणिका ब्लॉक में आये तूफान में 12 लोग घायल हो गये और 200 से अधिक घर तबाह हो गये. पांच-छह मिनट चला यह तूफान इतना तेज था कि 31 मार्च 2009 को आये तूफान की यादें ताजा हो गयीं जिसने इस इलाके में भारी तबाही मचाई थी.

एक मई को उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में आये मामूली तीव्रता के भूकंप का प्रकोप सबसे ज्यादा जम्मू कश्मीर में रहा जहां दो लोगों की मौत हो गयी और 32 विद्यार्थियों समेत 69 लोग घायल हो गये. प्रदेश में अनेक इमारतों को भी नुकसान पहुंचा.

अक्तूबर माह में चक्रवात फैलिन ने ओडिशा और आंध्रप्रदेश में कहर ढाया जिससे करीब 90 लाख लोग प्रभावित हुए और 2,400 करोड़ रुपये की फसल का नुकसान हुआ. लेकिन समय रहते उपाय करने से लोगों की जान बच गयी.

लेकिन चक्रवात की वजह से आई बाढ़ के कारण आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में बाढ़ से 51 लोगों की मौत हो गई, 30 जिलों के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए और सड़क एवं हवाई संपर्क बाधित हुआ. नवंबर के आखिरी सप्ताह में दक्षिण भारत में हेलेन तूफान 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ आगे बढ़ा लेकिन यह बहुत जल्द कमजोर पड़ गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें