नयी दिल्ली : भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा दिया जाने वाला प्रतिष्ठित नवलेखन पुरस्कार वर्ष 2015 के लिए अमलेन्दु तिवारी और ओम नागर को दिया जाएगा.
भारतीय ज्ञानपीठ ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘वर्ष 2015 के लिए अमलेन्दु तिवारी को उनके उपन्यास की पांडुलिपि ‘परित्यक्त’ को और कथेतर गद्य के लिए ओम नागर की पांडुलिपि ‘निब के चीरे से’ को ग्यारवें नवलेखन पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा.” विज्ञप्ति के अनुसार दोनों लेखकों को 50..50 हजार रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी की प्रतिमा दी जाएगी एवं भारतीय ज्ञानपीठ उनकी रचनाओं को प्रकाशित भी करेगा.
इसके अलावा भारतीय ज्ञानपीठ साहित्य क्षेत्र में प्रतिष्ठित ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ और ‘मूर्तिदेवी पुरस्कार’ प्रदान करती है.