दोईमुख (अरुणाचल प्रदेश) : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि वर्तमान नैतिक चुनौतियों से निपटने के लिए देश के लोगों को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है. उन्होंने भारत के लिए शिक्षा पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया.
राजीव गांधी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत सम्मेलन में राष्ट्रपति ने यहां कहा, हमारे युवकों में मातृभूमि के लिए प्यार, कर्तव्य का निर्वहन, सभी के प्रति दया, बहुलतावाद, महिलाओं के लिए सम्मान, जीवन में ईमानदारी, धैर्यपूर्ण व्यवहार, अनुशासन जैसे सांस्कृतिक मूल्य पैदा करने में शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि किसी भी समृद्ध समाज के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और अच्छी शिक्षा विभिन्न विचारों को समाहित करने में उपयोगी है.
उन्होंने कहा, हमारे देश में अच्छा आर्थिक विकास हुआ है. फिर भी हम दावा नहीं कर सकते कि हम वास्तव में विकसित समाज बन सके हैं. उन्होंने कहा, विकास का मतलब केवल फैक्टरियां, बांध और सड़कें नहीं हैं. मेरे हिसाब से विकास लोगों, उनके मूल्यों और हमारे देश के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के प्रति उनके समर्पण से है. मुखर्जी ने कहा, ऐसे समय में जब हम एक देश के रुप में वर्तमान नैतिक चुनौतियों से पार पाने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं, संपूर्ण शिक्षा ही हमारे मूल्यों के लिए निश्चित भूमिका निभा सकती है.