नयी दिल्ली: केंद्र ने सुरक्षा की चिंता को ध्यान में रखते हुए भाजपा नेता सुब्रह्मणयम स्वामी को सरकारी आवास आवंटित करने का फैसला किया है. पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक के पी.एस. गिल और एंटी टेरेरिज्म फ्रंट के अध्यक्ष एम.एस. बिट्टा को भी इसी आधार पर अपना सरकारी आवास बनाए रखने की इजाजत दी. वहीं स्वामी को सरकारी आवास आवंटन पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है.
आपको बता दें कि स्वामी को जेड प्लस सुरक्षा पहले से मिली हुई है. स्वामी नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ याचिकाकर्ता भी हैं. वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने स्वामी पर हमला बोलते हुए कहा,’ एस स्वामी को जेड प्लस सुरक्षा, सरकारी आवास इनाम के तौर पर दिया जा रहा है क्योंकि तुम कांग्रेस लीडरशिप को कोर्ट में घसीटने में कामयाब हो गये.’
सूत्रों के अनुसार आवास संबंधी समिति (सीसीए) ने इस बात को ध्यान में रखा कि स्वामी को जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है और उन्हें सीआरपीएफ की सुरक्षा मिली हुई है. लेकिन उनके मौजूदा घर पर आर्म्ड गार्ड की तैनाती के लिए जगह नहीं है. वहीं सुरक्षा श्रेणीकरण समिति समय-समय पर स्वामी की सुरक्षा की समीक्षा करती रहती है.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की सीसीए की बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत को भी मेडिकल आधार पर राष्ट्रीय राजधानी में आवास बनाए रखने की अनुमति दी गयी है.
सुरक्षा के मद्देनजर पी.एस. गिल और एम.एस. बिट्टा को मई 2018 तक तीन और सालों के लिए अपने वर्तमान सरकारी आवास को बनाये रखने की अनुमति दी गयी है. उन्हें सामान्य से पांच गुना अधिक विशेष लाईसेंस फीस देना होगा.