नयी दिल्ली: ‘आप’ के समन्वयक अरविन्द केजरीवाल ने आज कहा कि वह अन्ना हजारे द्वारा उनकी ईमानदारी पर शक किए जाने से आहत हुए हैं और वह पार्टी द्वारा जनलोकपाल आंदोलन के दौरान जुटाए गए पैसों के कथित रुप से दुरुपयोग करने को लेकर किसी भी तरह की जांच के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे या दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने पैसों को लेकर सवाल किए होते तो वह आहत नहीं होते और वे किसी भी तरह की जांच करा सकते हैं लेकिन जब अन्ना इस तरह की बातें करते हैं तो यह मुझेव्यक्तिगत रुप से आहत करता है.’’आप समन्वयक ने कहा कि रामलीला मैदान में आंदोलन के खत्म होने के बाद सभी खातों का ऑडिट करा लिया गया था. केजरीवाल ने कहा, ‘‘आयकर रिटर्न भी जमा किए गए लेकिन तब भी मामला उठाया गया.’’ उन्होंने कहा कि वह फिर भी मामले की जांच के लिए तैयार हैं. केजरीवाल ने अन्ना से अपनी पार्टी को समर्थन देने की मांग करते हुए कहा कि पहली बार कोई राजनीतिक दल देश में ‘‘ईमानदार राजनीति’’ की बात कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘अन्नाजी को चुनाव में पार्टी का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए. पहली बार कोई पार्टी भारत के लोगों को ईमानदार राजनीति का विकल्प दे रही है और उन्हें लोगों का समर्थन करना चाहिए.’’अन्ना और केजरीवाल के बीच रिश्ते तब और खराब हो गए जब अन्ना ने कथित तौर पर आप द्वारा जन लोकपाल विधेयक के लिए अभियान के दौरान जुटाए गए पैसों के कथित दुरुपयोग को लेकर निराशा व्यक्त की. अन्ना ने साथ ही केजरीवाल को लिखी गयी एक चिट्ठी में दिल्ली चुनावों में अपने नाम का इस्तेमाल करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की.