नयी दिल्ली: एक अहम कदम बढ़ाते हुए भारत और वियतनाम ने आज नए तेल ब्लॉकों के आवंटन सहित विवादित दक्षिण चीन सागर में तेल की खोज वाली परियोजनाएं विकसित करने और उन्हें बढ़ाने के लिए एक समझौते पर दस्तखत किया. भारत और वितयनाम के बीच हुए इस समझौते से चीन की भवें तन सकती हैं.
दोनों देशों ने इस समझौते के अलावा सात अन्य समझौते भी किए. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वियतनामी कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव एनग्यूयेन फ्यू ट्रॉंग के बीच द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मुद्दों एवं द्विपक्षीय सामरिक संबंध बढ़ाने के तौर-तरीकों पर हुई गहन वार्ता के बाद इन समझौतों पर दस्तखत हुए.
एनग्यूयेन के साथ एक संयुक्त मीडिया कार्यक्रम में सिंह ने कहा, ‘’भारत और वियतनाम एक ऐसे क्षेत्र से संबंध रखते हैं जिसमें असीम संभावनाएं तो हैं, पर कई चुनौतियां भी हैं. एक स्थिर, शांत और समृद्ध एशिया के लिए एक साथ मिलकर काम करने में हमारे कई साझा हित हैं. लिहाजा, हम एक ऐसा गहरा रिश्ता कायम करना चाहते हैं जिसका व्यापक एजेंडा द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग हो.’’प्रधानमंत्री ने दक्षिण चीन सागर में तेल और गैस की खोज के लिए ओएनजीसी विदेश लिमिटेड को एक अन्य ऑफशोर ब्लॉक की पेशकश की भी तारीफ की.
गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर में चीन, फिलीपीन और वियतनाम सहित सात संप्रभु राष्ट्रों के बीच भूमि (द्वीपीय) एवं समुद्री क्षेत्रों को लेकर विवाद है.