मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने शिवसेना नेता जयवंत परब को 20 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है. उसी दिन अदालत शहर में दिसंबर, 1992 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान दिये गये नफरत भरे भाषणों के लिए उन्हें सुनाई गयी दो महीने की कैद की सजा को चुनौती देने वाली उनकी अर्जी पर सुनवाई करेगी. शिवसेना के एक और सदस्य अशोक शिंदे को भी अदालत ने जमानत प्रदान की.
न्यायमूर्ति एस सी धर्माधिकारी ने कहा कि परब और शिंदे की पुनर्विचार याचिकाओं पर 20 जून को सुनवाई की जायेगी. अदालत ने हाल ही में कहा, ‘‘आवेदकों (परब और शिंदे) को 20 जून, 2013 तक जमानत पर छोड़ा जाता है.’’ एक सत्र अदालत ने इस साल 5 मई को परब की एक साल की सजा कम करके दो महीने कर दी थी. मजिस्ट्रेटी अदालत ने जुलाई, 2008 में परब को एक साल की सजा सुनाई थी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार 1992 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बांद्रा के एक मंदिर में गणोश प्रतिमा अपवित्र किये जाने की अफवाह फैल गयी थी. 27 दिसंबर, 1992 को शिवसेना नेता मधुकर सरपोतदार के नेतृत्व में 5000 से अधिक लोगों की भीड़ निर्मल नगर और खेरवाड़ी के रास्ते गणोश मंदिर पहुंची. वहां सरपोतदार, परब और अन्य शिवसेना नेताओं ने गणोश प्रतिमा की दोबारा स्थापना के दौरान मंदिर में भड़काउ भाषण दिये जिसके बाद भीड़ हिंसक हो गयी थी.