नयी दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ओर से मुस्लिम समुदाय को जोड़ने के प्रयास के बीच दिल्ली सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों को उम्मीद के मुताबिक टिकट नहीं दिए जाने से पार्टी के मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासी निराशा है.
पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अब्दुल रशीद अंसारी भी इसे स्वीकार करते हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को उम्मीद के मुताबिक संख्या में टिकट नहीं मिल पाने से लोग निराश हैं.
भाजपा ने राजस्थान में तीन मुसलमानों को टिकट दिए हैं, हालांकि अभी उसने 200 सदस्यीय विधानसभा में से 176 उम्मीदवारों की सूची जारी है. दिल्ली में घोषित 62 उम्मीदवारों में से सिर्फ एक उम्मीदवार मुस्लिम समाज से है. मध्य प्रदेश से भी एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया गया है.
राजस्थान की डिडवाणा से यूनुस खान, नागौर से हबीबुर रहमान और ढोलपुर से अकरम सगीर को टिकट दिया गया है. वैसे राज्य के मुस्लिम नेताओं की मांग थी कि मुस्लिम समाज के करीब 10 लोगों को टिकट दिए जाएं.
राजस्थान अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष अमीन पठान ने खुद कोटा (उत्तर) विधानसभा सीट से टिकट के लिए आवेदन कर रखा था, लेकन उन्हें मायूसी हाथ लगी. भैरो सिंह शेखावत मंत्रिमंडल में मंत्री रहे नसरु खान को भी टिकट नहीं मिल पाया है. मध्यप्रदेश में भोपाल (उत्तर) सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ बेग को उम्मीदवार बनाया गया है.
दिल्ली में अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी वाली छह सीटों मटियामहल, बल्लीमारान, बाबरपुर, सीलमपुर, ओखला, और मुस्तफाबाद से कई मुसलमानों ने भाजपा के टिकट के लिए आवेदन किया था. इनमें दिल्ली अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद भी शामिल थे, हालांकि मटियामहल सीट से मोहम्मद निजामुद्दीन एडवोकेट को छोड़कर सभी को निराशा हाथ लगी.
सीलमपुर सीट से दावेदारी करने वाले इसरार अहमद अंसारी का कहना है, नरेंद्र मोदी ने हिंदू-मुसलमानों को साथ लेकर चलने का नारा दिया है. इसके बावजूद सीलमपुर जैसी मुस्लिम बहुल सीट पर किसी मुसलमान को टिकट नहीं दिया गया. अगर इस सीट पर किसी मुसलमान को टिकट दिया जाता तो भाजपा यहां आसानी से चुनाव जीत जाती.पिछले 30वर्षोंसे भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता के रुप में काम कर रहे अंसारी ने कहा, पार्टी के इस रवैये से मेरे जैसे नेताओं और कार्यकर्ताओं को बेहद निराशा हुई है.