बेंगलूर : कर्नाटक में भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले सिद्धारमैया को कल राज्य के 22 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई जाएगी.
प्रदेश के राज्यपाल हंसराज भारद्वाज कल 64 वर्षीय सिद्धारमैया को अकेले श्री कांतिराव स्टेडियम में एक समारोह में शपथ दिलाएंगे. उसमें उनके गृह जिले मैसूर और आस-पास के इलाकों के 50 हजार लोगों के शरीक होने की उम्मीद है. भारद्वाज सिद्धारमैया को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. सिद्धारमैया को गत 10 मई को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था. गुप्त मतदान में उन्होंने इस पद के प्रबल दावेदार केंद्रीय श्रम मंत्री एम मल्लिकार्जुन खड़गे को पीछे छोड़ दिया था.
यद्यपि सिद्धारमैया इस पद की दौड़ में सबसे आगे थे लेकिन उन्हें इस पद के लिए तभी चुना गया जब रक्षा मंत्री ए के एंटनी के नेतृत्व वाले कांग्रेस पर्यवेक्षकों के दल ने पार्टी विधायकों से लिखित में अपनी पसंद का इजहार करने को कहा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रजामंदी लेने के बाद एंटनी ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सिद्धारमैया के निर्वाचन की घोषणा की. सिद्धारमैया छह साल पहले जद एस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. वह एन धरम सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में उपमुख्यमंत्री थे.
एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बन जान के बाद वर्ष 1996 में वकील से नेता बने सिद्धारमैया मुख्यमंत्री की ‘गद्दी’ पाते-पाते रह गए थे. सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय के हैं. यह राज्य में तीसरी सबसे बड़ी जाति है. उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में तब जे एच पटेल ने पीछे छोड़ दिया था. देवगौड़ा और पटेल दोनों के मुख्यमंत्री काल में सिद्धारमैया वित्त मंत्री रहे. सिद्धारमैया के अगले हफ्ते मंत्रिमंडल का गठन करने को तैयार होने के बीच मंत्री पद के लिए लामबंदी तेज हो गई है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि डी के शिवकुमार, आर वी देशपांडे, शमनूर शिवशंकरप्पा और टी बी जयचंद्र समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने की उम्मीद है.