भोपाल: कांग्रेस महासचिव एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि यदि उनकी पार्टी 25 नवंबर को होने वाला विधानसभा चुनाव जीत जाती है, तो नव निर्वाचित विधायक ही नये मुख्यमंत्री का चयन करेंगे.कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनकी पार्टी में हमेशा से यह परंपरा रही है कि नव निर्वाचित विधायक ही मुख्यमंत्री को चुनते है, जिस पर अब भी अमल किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि 2008 के पिछले विधानसभा चुनाव के समय भी मध्यप्रदेश की जनता में भाजपा के खिलाफ आक्रोश था, पर उस वक्त कांग्रेस अपना प्रचार ठीक से नहीं कर पाई थी और इस कारण ही वह चुनाव हार गई, लेकिन अब हालात बहुत ही अलग है और कांग्रेस का प्रचार अभियान एक जुट होकर चलाया जा रहा है, जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा.
सिंह ने कहा कि जब तक दोनों पार्टिया भाजपा एवं कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं करते, तब तक इस बारे में अनुमान लगाना कठिन होगा कि किसे कितनी सीटे मिलेगी. मीडिया में छपी खबरों के बावजूद इस वक्त मध्य प्रदेश की जमीनी हकीकत जानने वाले समझ सकते हैं कि यहां हालात भाजपा के पक्ष में नहीं है.
उन्होने कहा कि इस समय मध्यप्रदेश में जो भी विकास नजर आ रहा है, उसका बीजारोपण तब किया गया था जब वह 1993 से 2003 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. तब ही बिजली उत्पादन गृहों का ’प्लांट लोड फैक्टर’ 42 प्रतिशत से बढ़ कर 73 प्रतिशत हो गया था लेकिन अब यह फिर 56 प्रतिशत हो गया है.कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी योजनाओं के बारे में बहुत बाते कर सकते हैं लेकिन इनमें से अधिकांश के जरिए आम आदमी को लाभ नहीं हुआ है. चौहान ने लीक से हट कर कोई भी काम नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान बार-बार यह कहते हैं कि जो विकास भाजपा के राज में हुआ है वो कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार से कहीं ज्यादा है और इसमें यदि सच्चाई है, तो वह इस बारे में उनसे बहस क्यों नहीं कर लेते, जबकि उन्होंने उन्हें किसी भी सार्वजनिक मंच पर बहस की चुनौती दी हुई है.