नयी दिल्ली: देश में आईपीएस अधिकारियों के 900 से भी ज्यादा पद रिक्त पडे हैं. इनमें से सबसे ज्यादा रिक्तियां उत्तरप्रदेश में हैं, जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के 129 पद भरे जाने अभी भी शेष हैं.गृह मंत्रालय द्वारा जुटाए गए आंकडों के अनुसार, मंजूर किए गए कुल 4,754 पदों में से आईपीएस अधिकारियों के कुल 906 पद एक जनवरी 2015 को रिक्त थे.
देश में कुल 3,848 पदों पर आईपीएस अधिकारी तैनात हैं. इसके अलावा, आईपीएस के वर्ष 2014 के बैच के 145 प्रोबेशनर भी हैं.उत्तरप्रदेश में मंजूर कुल 517 पदों में से 129 पद रिक्त हैं. पश्चिम बंगाल में भी 98 पद रिक्त हैं. वहां आईपीएस अधिकारियों के लिए मंजूर पदों की संख्या 347 है.
ओडिशा में आईपीएस अधिकारियों के लिए मंजूर पदों की संख्या 188 है और इनमें से 79 पद रिक्त हैं. महाराष्ट्र में आईपीएस अधिकारियों के 302 पदों में से 62 पद रिक्त हैं. कर्नाटक में मंजूर कुल 205 पदों में से 59 पद रिक्त हैं.केंद्रशासित प्रदेश कैडर में आईपीएस अधिकारियों के कुल मंजूर पदों की संख्या 295 है और इस कैडर में रिक्त पदों की संख्या 53 है.
आईपीएस अधिकारियों की इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार आईपीएस अधिकारियों की नियुक्तियों के एक अन्य माध्यम के रुप में ह्यलिमिटेड कंपीटीटिव एग्जामिनेशनह्ण (सीमित प्रतियोगी परीक्षा) लेकर आई है.तय अनिवार्य अहर्ताएं पूरी करने वाले लोग राज्य पुलिस सेवा में उप पुलिस अधीक्षक, केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों के सहायक कमांडेंट और रक्षा बलों के कैप्टन एवं मेजर पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं.
हालांकि नियुक्ति के इस माध्यम की योजना के विभिन्न पहलुओं को चुनौती देते हुए गृह मंत्रालय, केंद्रीय लोकसेवा आयोग, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और रक्षा मंत्रालय के समक्ष बडी संख्या में अदालती मामले हैं. फिलहाल यह मामला विचाराधीन है.पुलिस शोध एवं विकास ब्यूरो द्वारा जुटाए गए आंकडों के अनुसार, भारत में एक जनवरी 2014 को पुलिस एवं जनसंख्या के बीच का अनुपात प्रति लाख व्यक्तियों की जनसंख्या पर 139.76 पुलिसकर्मियों का था.