इंदौर: मध्यप्रदेश के कुख्यात व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार 30 वर्षीय सरकारी पशु चिकित्सक की जिला जेल में कल रात संदिग्ध हालात में मौत हो गयी. इस युवक के परिजन ने विचाराधीन कैदी के साथ जेल में मारपीट का संदेह जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. वहीं, व्यापमं घोटाले का खुलासा करने वाले एक प्रमुख कार्यकर्ता ने आशंका जतायी है कि यह बंदी न्यायिक हिरासत के दौरान किसी साजिश का शिकार हुआ है.
जिला जेल के एक आला अधिकारी ने आज बताया कि व्यापमं घोटाले में गिरफ्तारी के बाद नरेन्द्र सिंह तोमर (30) न्यायिक हिरासत के तहत 24 फरवरी से इस जेल में बंद था. उसने कल देर रात तबीयत खराब होने की शिकायत की. उसे महाराजा यशवंतराव अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
जेल अधिकारी ने कहा कि नरेंद्र की मौत की वजह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही स्पष्ट हो सकेगी. शहर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने बताया कि विचाराधीन कैदी की मौत के मामले की तय नियमों के मुताबिक मजिस्ट्रिेटी जांच की जायेगी.
उधर, नरेंद्र के छोटे भाई विक्रम सिंह तोमर ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुङो आशंका है कि मेरे भाई के साथ जिला जेल में मारपीट की गयी थी. मेरे भाई की मौत का मामला बेहद संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच करायी जानी चाहिये.’ उन्होंने कहा, ‘हमें आधिकारिक तौर पर अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गयी है कि मेरे भाई ने किन हालात में दम तोडा. मेरा भाई किसी गंभीर बीमारी से पीडित नहीं था. कल ही उसने जेल से मेरी दीदी से फोन पर बात की थी. तब भी उसने अपनी किसी स्वास्थ्यगत परेशानी का जिक्र नहीं किया था.’