मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज कहा कि अगर विपक्ष नियम उल्लंघन संबंधी सबूत दे तो सरकार उन आरोपों की जांच कराने के लिए तैयार हैं जिनमें कहा गया है कि पंकजा मुंडे के अंतर्गत महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने बिना निविदा आमंत्रित किये 206 करोड रुपये का ठेका दे दिया.
फडणवीस ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अगर विपक्ष (कांग्रेस और राकांपा) नियमों के उल्लंघन को लेकर सबूतों के साथ बात करता है तो हम खरीद को लेकर जांच कराने के लिए तैयार हैं.’’ हालांकि, विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब वे लोग सत्ता में थे इसी दर अनुबंध प्रणाली (जिसके तहत दरों पर मोलभाव के बाद सामान की खरीदारी की जाती है) के जरिए खरीद हुयी थी और उन्हें भी इसपर स्पष्टीकरण देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर विपक्ष आरोप लगा रहा है कि निविदा नहीं मंगायी गयी और नियमों को तोडा गया तो उन्हें याद करना चाहिए कि हमारा सरकारी प्रस्ताव अप्रैल में जारी हुआ जबकि खरीदारी को पहले ही मंजूरी दी गयी थी. जब वो सत्ता में थे तो इसी तरह के दर प्रणाली तंत्र का इस्तेमाल करते थे. उन्हें भी अपनी खरीदारी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. तब उनके दोहरे रवैये का पता चल जाएगा.’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 17 अप्रैल 2015 को ई-टेंडर के जरिए एक करोड रुपये से ज्यादा की सामग्री खरीदने का फैसला किया था लेकिन एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) के तहत 2014-15 के लिए खरीदारी हुयी थी.फडणवीस ने कहा कि आईसीडीएस ने पंजीकृत ठेकेदारों से ही खरीद आदेशों को मंजूरी दी थी.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आईसीडीएस ने फैसला नहीं लिया होता तो 31 मार्च 2015 के पहले मंजूर राशि का इस्तेमाल किया जाना मुमकिन नहीं होता और इसकी निर्धारित मियाद खत्म हो जाती और इस तरह लाभार्थियों पर इसका प्रतिकूल असर पडता.’’
उन्होंने आगे कहा कि आईसीडीएस के तहत खरीदारी के जरिए आंगनवाडियों को पोषण वाला अनाज मुहैया कराना था. आईसीडीएस के द्वारा खरीदारी आपूर्ति और निपटान महानिदेशक द्वारा अंतिम तौर पर तय दर अनुबंध पर आधारित है.
कांग्रेस ने फडणवीस सरकार पर ‘घोटाले’ का आरोप लगाया है. पार्टी ने भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा पर 24 सरकारी प्रस्तावों के जरिए 13 फरवरी को 206 करोड रुपये की खरीद को मंजूरी देने का आरोप लगाया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रलय द्वारा एकीकृत बाल विकास सेवाओं के तहत बच्चों के लिए बिस्कुट-नमकीन, चटाई, खाना, वाटर फिल्टर, दवाइयां और किताबों जैसी सामग्री की खरीदारी होती है.