नयी दिल्ली : दिल्ली में पांच साल पहले हुई बटला हाउस मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने तथा जेल में बंद मुस्लिम युवकों को रिहा कराने की मांग को लेकर आज जंतर-मंतर पर सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन किया.
राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के बैनर तले हर साल की तरह इस बार भी बटला हाउस मुठभेड़ की बरसी पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इसमें उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ तथा दूसरे इलाकों के लोगों ने हिस्सा लिया.
उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना आमिर रशादी मदनी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, आज एक बार फिर हम बटला हाउस में हुई फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर जमा हुए हैं. जब तक केंद्र सरकार हमारी मांग नहीं मानेगी तब तक हम अपनी आवाज बुलंद करते रहेंगे. उन्होंने कहा, बटला हाउस मामले की न्यायिक जांच नहीं कराकर और बेकसूर नौजवानों को गिरफ्तार करके केंद्र सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है. न्यायिक जांच के बगैर हम इस मामले में इंसाफ की उम्मीद कैसे कर सकते हैं.
दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके में 19 सितंबर, 2008 को पुलिस के साथ मुठभेड़ में दिल्ली धमाकों के दो संदिग्ध आतिफ अमीन और साजिद मारे गए थे. इसमें दिल्ली के पुलिस निरीक्षक मोहन चंद्र शर्मा की भी मौत हो गयी थी. इसके बाद कई और युवकों की गिरफ्तारी की गई. इस मामले को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी भी हुई.