नयी दिल्ली : केंद्रीय सुरक्षा बलों में सीमा चौकसी और कानून व्यवस्था संभालने के कार्यभार जैसी ड्यूटी के लिए 11,000 से अधिक महिलओं की जल्द ही भर्ती की जाएगी. सरकार ने इन बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढाने के लिए यह निर्णय लिया है.
सरकार ने हाल ही में इस वर्ष कांस्टेबल के रुप में 62,000 से अधिक युवा पुरषों और महिलाओं की भर्ती करने की घोषणा करने के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) जैसे अर्द्धसैनिक बलों में 8,533 महिला कांस्टेबलों की भर्ती की योजना पहले ही बना ली है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में 21 नई कंपनियों की बढोतरी करने या कुल 2,772 महिला कर्मियों की भर्ती की मंजूरी दे दी है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ आने वाले दिनों में केंद्रीय बलों में कुल संख्या में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम से कम पांच फीसदी करने के लिए ये भर्तियां की जा रही है. वर्तमान में इन बलों में महिलाओं की संख्या कुल संख्या के मुकाबले करीब 2.15 फीसदी ही है.’
इन बलों के लिए युवा कार्यबल की भर्ती करने की एक बडी मुहिम के तहत सीआरपीएफ के लिए एक विशेष मंजूरी दी गयी है जिसमें दो ह्यमहिलाह्ण बटालियन को बढाया जाएगा.अधिकारी ने कहा, गृह मंत्रालय ने अपनी नीति स्पष्ट कर दी है कि महिला कर्मियों की संख्या इन बलों की कुल संख्या का कम से कम पांच फीसदी होनी चाहिए और ऐसा सिर्फ नई भर्तियों के बाद ही हो सकता है.
बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी जैसे सीमा की रखवाली करने वाले बलों में सीमांत स्थानों पर गश्ती लगाने के लिए महिला कर्मियों की सक्रिय रुप से तैनाती की जा रही है. पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसी अंतरर्राष्ट्रीय सीमाओं पर क्रासिंग गेट की रखवाली के लिए भी उनकी तैनाती की जा रही है. उन्हें हिरासत में ली गई महिलाओं से पूछताछ और उनकी पहरेदारी के लिए भी तैनात किया जा रहा है.
अधिकारी ने कहा, ‘ सीआरपीएफ ने अपनी महिला इकाईयों को छत्तीसगढ और झारखंड में नक्सल विरोधी अभियानों में लगाने के अलावा इन्हें कानून और व्यवस्था के कर्तव्य को निभाने की भी जिम्मेदारी सौंपी है.’