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Friday, March 29, 2024

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बिना भगवान बुद्ध के विचारों के 21वीं सदी एशिया की सदी नहीं हो सकती है : नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली : भगवान बुद्ध की जयंती यानी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भगवान बुद्ध का मार्ग युद्ध से मुक्ति का मार्ग है. उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया संकट से गुजर रही है, विश्व का एक भूभाग […]

नयी दिल्ली : भगवान बुद्ध की जयंती यानी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भगवान बुद्ध का मार्ग युद्ध से मुक्ति का मार्ग है. उन्होंने कहा कि आज जब पूरी दुनिया संकट से गुजर रही है, विश्व का एक भूभाग रक्तरंजित है, ऐसे मेंं बुद्ध की प्रासंगिकता और उनके बताये मार्गों को अपनाना और अधिक आवश्यक हो जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत बुद्ध की जन्मस्थली नेपाल में आये भयावह भूकंप के प्रति अपनी पीडा व्यक्त कर की. उन्होंने कहा कि कि हमारा प्यारा नेपाल आज बहुत बडे संकट से गुजर रहा है और इससे उत्पन्न यातना कितनी भयंकर होगी, इसकी कल्पना करना मुश्किल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम भगवान बुद्ध की करुणा से भी प्रेरित व प्रभावित होकर नेपाल के बंधुओं के दुख दर्द को दूर करें, उनके आंसू पोछें. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने जो जीया था और जीने के लिए जो प्रेरणा दी थी, क्या आज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बुद्ध मौजूद नहीं हों. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध का जीवन इस बात को नकारता है कि सत्ता व वैभव समस्याओं का समाधान करने में पूर्ण है.
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के मन में जन्मकाल से ही मन की पूंजी तैयार थी. उन्होंने कहा कि जीवन के हर पहलू में बुद्ध मौजूद हैं. पीएम मोदी ने कहा कि जो व्यक्ति राजपरिवार में जन्म लिया हो, जो युद्ध कला में पारंगत हो, अपार सत्ता व संपत्ति का स्वामी हो, उसके बाद भी वह मानता था कि यह सबकुछ मानव कल्याण के लिए पूर्ण नहीं है, बल्कि कुछ और की आवश्यकता है. उन्हें लगा कि इससे भी बडी कोई ताकत है और वहां तक जाना है. उन्होंने पल भर में ही सबकुछ छोड दिया और उस शक्ति की तलाश में लग गये जो मानव कल्याण के काम आये.
उन्होंने कहा कि राजकुमार सिद्धार्थ के रूप में भगवान बुद्ध के मन में घायल हंस के लिए करुणा उत्पन्न होती है और वे उसे बचाने के लिए अपना जीवन खपा देते हैं. उसके लिए अपने भाई के भी विरुद्ध हो जाते हैं. अगर उनका जीवन करुणा से प्रभावित नहीं होती तो ऐसा नहीं होता.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी एशिया कीसदीहोगी, लेकिन यह बिना भगवान बुद्ध के एशिया की सदी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि दुनिया आज संकटों से जूझ रही है. उन्होंने कहा कि आज की परिस्थितियों में ऐसा कौन सा शख्स होगा, जिसकी बात दुनिया स्वीकार करेगी, तो वह एक ही शख्स होगा : भगवान बुद्ध. इस कार्यक्रम में 31 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित थे. विभिन्न देशों के राजदूत, धर्मगुरु आदि भी कार्यक्रम में शामिल हुए.
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