नयी दिल्ली : भाजपा के निलंबित नेता राम जेठमलानी ने प्रतिबंध के बावजूद आज पार्टी की संसदीय दल की बैठक में आकर आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल सरकार के भ्रष्टाचार पर नरम रुख अपानाए हुए है. पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने स्वीकार किया कि जेठमलानी बैठक में आये थे और उन्होंने कुछ ऐसी बातें कही है जो उचित नहीं थी और पार्टी के अनेक सदस्यों ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. जेठमलानी पर कार्रवाई की मांग करने वालें में अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद और शाहनवाज हुसैन शामिल हैं. इन लोगों ने जेठमलानी को पार्टी से निकालने की मांग की है.
हालांकि पार्टी नेतृत्व का मानना है कि जेठमलानी को पार्टी से निकालने से उनकी उपद्रव पैदा करने और नुकसान पहुंचाने की क्षमता बढ़ जायेगी क्योंकि तब वह राज्यसभा में अपने मनमाफिक कुछ भी बोल सकेंगे. इससे पार्टी को और नुकसान होगा. कुछ सांसदों का मानना है कि उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया जाए. सूत्रों ने बताया कि बैठक जेठमलानी ने मुख्य विपक्षी दल पर संप्रग सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ नरम रुख अख्तियार करने का आरोप लगाया. गौरतलब है कि प्रत्येक सप्ताह होने वाली भाजपा संसदीय पार्टी की बैठक में राम जेठमलानी को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान जेठमलानी ने सुझाव दिया कि भाजपा को सरकार को जोरदार ढंग से घेरना चाहिए और भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी के रुख से ऐसा लगता है कि वह सत्तारुढ पार्टी के साथ खड़ी है. सूत्रों ने बताया कि जेठमलानी ने यह भी पूछा कि उन्हें निलंबित किये जाने के संबंध में तीन महीने का नोटिस दिया गया और समय गुजर जाने के बाद भी कोई अंतिम फैसला क्यों नहीं किया. बहरहाल, जेठमलानी के इस आचरण पर उनके विरुद्ध कार्रवाई किये जाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘‘कार्रवाई की मांग उठी है और उचित समय पर इस बारे में निर्णय किया जायेगा.’’पार्टी के निलंबित सदस्य के रुप में जेठमलानी भाजपा का व्हिप मानने को बाध्य हैं और सदन में उन्हें पार्टी के रुख के अनुरुप ही व्यवहार करना होगा.
सूत्रों ने बताया कि जेठमलानी जब पार्टी के रुख की आलोचना कर रहे थे उस समय बैठक में भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली एवं अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे. जेठमलानी करीब 10 मिनट बोले. बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह मौजूद नहीं थे. इसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संसद भवन में आडवाणी के कार्यालय में बैठक की और इस विषय पर चर्चा की. इस बैठक में राजनाथ सिंह, सुषमा और जेटली आदि भी मौजूद थे.