-मनोज अग्रवाल-
नयी दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर इस महीने के आखिर में दो दिन की जापान यात्रा पर जाएंगे. रक्षा मंत्री बनने के बाद पर्रिकर की यह पहली विदेश यात्रा होगी. पर्रिकर 30 और 31 मार्च को जापान में रहेंगे. पर्रिकर की जापान यात्रा रणनीतिक नजरिए से काफी अहम है, क्योंकि जापान के साथ भारत के बढ़ते सामरिक संबंधों को लेकर पड़ोसी देश चीन पहले से ही भौंहें ताने हुए है. भारत-जापान संबंधों के मद्देनजर रक्षा मंत्री पर्रिकर की पहली विदेश यात्रा के क्या मायने हो सकते हैं इस पर एक नजर-
12 यूएस 2 विमान खरीद पर अंतिम फैसला
मनोहर पर्रिकर की यात्रा के दौरान भारत जापान से 12 यूएस 2 विमान खरीदने के बारे में अंतिम फैसला ले सकता है. इस टोही विमान की खासियत जमीन और समुद्र दोनों जगह उतर सकता है.
चीन की चिंता बढ़ने के आसार
चीन का जापान से टकराव का लंबा इतिहास है और वह जापान को अपने लिए एक खतरे के रूप में देखता रहा है. जापान के साथ भारत के बढते रक्षा संबंधों को लेकर पडोसी देश चीन पहले से ही भौंहें ताने हुए है. एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत हथियारों का बडा आयातक बन कर उभरा है. दूसरी ओर भारत का चीन की सीमा से लगे क्षेत्र में हाईवे का निर्माण करवाने की योजना है. ऐसे में चीन की यह भी चिंता है कि भारत कही जापान से मिलकर कोई गुट या समूह का निर्माण न कर ले जिससे की चीन के लिए परेशानी और बढ जाए.
भारत-जापान के बीच हो सकती है शस्त्र संधि
शंघाई इंस्टीट्यूट फार इंटरनेशनल स्टडीज के दक्षिण एशिया अनुसंधान विभाग के निदेशक की माने तो जापान और भारत के बीच एक शस्त्र संधि हो सकती है. यह संधि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव गहरा कर सकती है क्योंकि चीन दोनों बढ़ते रणनीतिक साझेदारों के लिए अहम निशाना हो सकता है.
नागरिक परमाणु करार
मनोहर पर्रिकर की इस यात्रा के दौरान नागरिक परमाणु करार पर सहमति हो सकती है. पिछले साल सितंबर माह में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी. मुमकिन है कि इस दौरे पर जापान के साथ नागरिक परमाणु करार मुमकिन है. हालांकि लगभग साढ़े तीन सालों की चर्चा के बावजूद अभी भी कुछ पेंच हैं.
रणनीतिक साझेदारी का नया अध्याय
रक्षा और विदेश मंत्रालय के सचिव और उपमंत्रियों के बीच 2+2 फॉर्मेट वाली सालाना वार्ता को उपग्रेड करना भी एजेंडे में है, यानी हर साल मंत्री स्तर की वार्ता शुरू हो सकती है लेकिन जापान ऐसा सिर्फ अमेरिका और रूस के साथ ही करता है. अब भारत के साथ इसमें सहमति बनती है या नहीं यह देखना होगा.