श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि बलात्कार, तेजाब हमले सहित सहित हिंसा की विभिन्न घटनाओं में पीड़ित हुए लोगों को को राज्य सरकार द्वारा संशोधित मुआवजा दोषियों को सजा का विकल्प नहीं है.उमर ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘..ऐसा नहीं है कि यह दोषियों को सजा का विकल्प है. कानून अपना काम करेगा जैसा पहले किया जा रहा था.’’
उमर ने यह बात हाल में राज्य सरकार द्वारा हिंसा में मारे गए, अपंग हुए, बलात्कार और मानव तस्करी के पीड़ितों को दिये जाने वाले मुआवजे को संशोधित करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को लेकर कही.उन्होंने इस कदम की आलोचना करते हुए लिखे गए संपादकीय लेखों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘इसको लेकर मेरी हैरानी समाप्त नहीं हो रही कि किस तरह से एक सरकार की अच्छी पहल को भी तोड़ मरोड़कर इस तरह से पेश किया जाता है ताकि वह एक संपादकीय में फिट हो सके.’’ उमर ने कहा कि राज्य सरकार ने केवल एक प्रावधान किया था कि बलात्कार और तेजाब हमलों सहित हिंसा के पीड़ितों को मुआवजा मिले.उन्होंने सवाल किया, ‘‘यदि कोई यह मानता है कि हिंसा का अस्तित्व नहीं है तो वह कल्पना में रह रहा है. पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित करने में गलत क्या है?’’