नयी दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने यहां एकत्र हुए सभी राज्यों के पार्टी के प्रवक्ताओं और मीडिया प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से कहा कि वे कांग्रेस के प्रति और आक्रमक रुख अपनाएं लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन ना छोडें.
भाजपा के केंद्र और राज्यों के प्रवक्ताओं, मीडिया प्रकोष्ठ के प्रभारियों और इलेक्ट्रानिक मीडिया में पेश होने वाले पेनालिस्ट की यहां आयोजित ‘कार्यशाला’ में लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने उन्हें बताया कि राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों पर प्रहार करते समय किन बातों का परहेज करना चाहिए.
कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए सुषमा ने कहा कि भाजपा के नेताओं को कांग्रेस पर हल्ला बोलते समय अपने शब्दों पर बहुत ध्यान देना चाहिए क्योंकि, ‘‘एक बार मुंह से निकला शब्द वापस नहीं हो सकता है.’’ कार्यशाला में मीडिया को आने की अनुमति नहीं थी. सूत्रों के अनुसार सुषमा ने कहा कि पार्टी के प्रवक्ताओं और पेनालिस्ट को ‘‘एक वाणी’’ में बोलने की जरुरत है.
राजनीतिक प्रतिद्वन्द्वियों के आरोपों का जम कर प्रतिवाद करना चाहिए लेकिन ऐसा करते हुए शालीनता और गरिमा का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए. विपक्ष की नेता ने कहा कि कांग्रेस को अन्य मुद्दों के अलावा भ्रष्टाचार, अर्थवयवस्था की स्थिति और कुशासन के मुद्दों पर जम कर घेरना चाहिए.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं से कहा है कि वे आक्रामक तरीके से विरोधियों को जवाब दें. उन्होंने यह भी मंत्र दिया है कि वे कांग्रेस के झांसे में न आएं और मीडिया के सामने कांग्रेस को बेनकाब करें.
राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने गुजरात के स्वतंत्रता दिवस के बाद मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कांग्रेस के आरोपों से भाजपा प्रवक्ता जिस तरह निपट रहे हैं, उस पर असंतोष जताया.