नयी दिल्ली: पिछले साल 16 दिसंबर को हुए सामूहिक बलात्कार कांड के आरोपी अक्षय ठाकुर की एक रिश्तेदार ने दिल्ली पुलिस के इस दावे को खारिज किया है कि उन्होंने अपने वकील के कहने पर यह झूठी कहानी गढ़ी कि अक्षय घटना से एक दिन पहले ट्रेन से बिहार रवाना हुआ और वह इस घटना में शामिल नहीं है. बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर विशेष अदालत में गवाही देने आयी अक्षय की इस रिश्तेदार ने पुलिस के इस दावे से भी इंकार किया कि आरोपी ने 15 दिसंबर 2012 को दिल्ली से अपने गांव जाने के लिए ट्रेन नहीं पकड़ी थी बल्कि 16 दिसंबर की रात वह उस बस में मौजूद था जिसमें लड़की से सामूहिक बलात्कार हुआ.
अक्षय ने बयान दिया था कि घटना से एक दिन पहले वह ट्रेन से बिहार के लिए रवाना हुआ था, लिहाजा वह घटना के समय बस में मौजूद नहीं था.अक्षय की रिश्तेदार ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना को बताया, ‘‘यह कहना गलत है कि हमें दी गयी कानूनी सलाह के मुताबिक मैंने 15 दिसंबर 2012 को अक्षय के सफर की झूठी कहानी गढ़ी है. यह कहना गलत है कि मैं झूठी गवाही दे रही हूं.’’आरोपी के सुर में सुर मिलाते हुए उसकी रिश्तेदार ने कहा कि अक्षय निर्दोष है और उसे फंसाया गया है.आरोपी की रिश्तेदार ने अपने बयान में कहा, ‘‘चूंकि मेरे पति को कुछ काम था, लिहाजा वह मेरे साथ नहीं आए. ऐसे में अक्षय मेरे साथ गया.’’विशेष लोक अभियोजक दयान कृष्णन ने इस पर कहा कि गवाह 15 दिसंबर को ट्रेन में सवार तो हुई थी पर अपने पति और बच्चे के साथ न कि अक्षय के साथ.