नयी दिल्ली:‘पिंजड़े में बंद तोता’ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से स्वायत्तता की मांग करते हुए अपने कामकाज में हस्तक्षेप को रोकने का रास्ता साफ करने का प्रयास करेगी. केंद्र ने सीबीआइ निदेशक को और अधिकार देने से मना कर दिया था. मंगलवार को शीर्ष कोर्ट सीबीआइ की स्वायत्तता मामले पर सुनवाई करेगा. इस दौरान एजेंसी कोर्ट में कहेगी कि उसके हलफनामे में जो मांग की गयी हैं, न्यायोचित व वैध हैं. स्वायत्तता के मुद्दे पर कोर्ट में गतिरोध की आशंका है.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में दो अगस्त को सीबीआइ के निदेशक के न्यूनतम तीन साल के कार्यकाल के साथ केंद्र सरकार के सचिव के बराबर वित्तीय अधिकारों की मांग को खारिज कर दिया था. केंद्र ने सुझाव दिया कि अधिकार केंद्रीय पुलिस बल के महानिदेशक को प्रदत्त अधिकारों के समान हों. एजेंसी चाहती है कि सीबीआइ निदेशक वकीलों का पैनल बनायें. कानून मंत्रलय द्वारा वकीलों की सुविधा उपलब्ध कराने का चलन बंद होना चाहिए, क्योंकि सरकार उन्हें किसी भी वक्त बदल सकती है.