नयी दिल्लीः विदेश सचिव का कार्यभार संभालने वाली सुजाता सिंह ने कहा है कि उनकी प्राथमिकता पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर बनाने की होगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंक मुक्त वातावरण में पाकिस्तान के साथ सहयोगपूर्ण संबंध चाहता है.
इससे पहले जर्मनी में भारत की राजदूत रही 59 वर्षीय सुजाता ने कहा, ‘हमेशा से भारत की नीति पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण व सहयोगी संबंध बनाने की रही है. स्वाभाविक रूप से इसके लिए हिंसा और आतंक मुक्त माहौल की जरूरत है.’ सुजाता राव इस महत्वपूर्ण पद पर काम करने वाली तीसरी महिला है. इससे पहले चोकिला अय्यर और निरूपमा राव विदेश सचिव रह चुकी हैं.
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के साथ वार्ता 2011 में शुरू की गई थी. इसके बाद से दो दौर की बातचीत हुई और हम चीजों को आगे बढ़ाएंगे. पाकिस्तान में नई सरकार है. हम उन चीजों को आगे बढ़ाएंगे जहां पुरानी सरकार के समय छोड़ा था.’
1976 बैच की विदेश सेवा की अधिकारी सुजाता सिंह ने साउथ ब्लॉक में विदेश मंत्रालय में कार्यभार संभाला. उन्होंने रंजन मथाई का स्थान लिया है और उनका कार्यकाल दो वर्ष का होगा.
उनकी प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर सुजाता ने कहा कि करीबी पड़ोसी देश उनकी प्राथमिकताओं में टॉप पर रहेंगे. इसके अलावा दुनिया में सामरिक सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने पर भी जोर रहेगा.
सुजाता ने कहा, ‘मेरी तात्कालिक प्राथमिकता करीबी पड़ोसी (देश) होंगे. हमारा तात्कालिक हित इन्हीं में निहित हैं और इन्हीं के साथ अधिकांश गंभीर चर्चाएं चल रही हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा दुनियाभर में सभी सामरिक सहयोगियों के साथ संबंधों को मजबूत बनाना महत्वपूर्ण होगा.’ उन्होंने कहा कि वे अपने पूर्ववर्ती के काम को आगे बढ़ाएंगी.
सुजाता ने कहा, ‘इसके अलावा मुझे लगता है कि विदेश विभाग में सबसे जरूरी है मंत्रालय को मजबूत बनाना और इस दिशा में मेरे पूर्ववर्ती ने जिस काम को शुरू किया है, उसे आगे बढ़ाया जाना है. मेरी तत्कालिक प्राथमिकता संसाधनों को बढ़ाने और भारत की विदेश नीति से जुड़े सभी पक्षों से साथ मिलकर काम करने की होगी.’
कैप्टल सौरभ कालिया के मारे जाने की घटना से जुड़े पाकिस्तानी सैनिक के एक वीडियो की खबर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत इस मसले को पाकिस्तान के सामने उठा रहा है. सुजाता ने कहा, ‘हम भारतीय सैनिकों के साथ वैसे व्यवहार की निंदा करते हैं, जो जिनेवा संधि से अलग हो. यही कारण है कि इस विषय को बार-बार उठाया गया, जो जसवंत सिंह के समय से शुरू हुआ और उस समय उन्होंने अपने समकक्ष सरताज अजीज के समक्ष इसे उठाया था.’
उन्होंने कहा, ‘इस विषय को जिनेवा में उठाया गया और लगातार पाकिस्तान सरकार के सामने उठाते रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘अगर कोई नई बात सामने आई है तब हम इसका आकलन करेंगे और इस पर आगे बढ़ने के बारे में निर्णय करेंगे.’
भूटान को किरासन और रसोई गैस से सब्सिडी वापस लेने से द्विपक्षीय संबंधों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर सुजाता ने कहा कि भारत, भूटान की नई सरकार से साथ मिलकर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव के तौर पर वह अपनी पहली यात्रा में भूटान जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं कि भारत और भूटान के बीच अनूठा संबंध है, जो आपसी विश्वास पर आधारित है. हम नई सरकार के साथ निकटता के साथ काम कर रहे हैं और संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेंगे.’ उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण तकनीकी त्रुटि के कारण यह स्थिति आई. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने भूटानी समकक्ष को भारत आने का न्योता दिया है. उन्होंने कहा कि इसके कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में वह अपनी भूटान यात्रा के दौरान विचार-विमर्श करेंगी.