19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उच्चतम न्यायालय गैस मूल्य नीति पर करेगा विचार

नयी दिल्ली : प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाने का सरकार का विवादास्पद निर्णय अब उच्चतम न्यायालय पहुंच गया और न्यायालय इस मामले पर गौर करने के लिये तैयार हो गया.प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद गुरुदास दासगुप्ता की जनहित याचिका पर आज केंद्र सरकार, रिलायंस इंडस्टरीज लि. और […]

नयी दिल्ली : प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाने का सरकार का विवादास्पद निर्णय अब उच्चतम न्यायालय पहुंच गया और न्यायालय इस मामले पर गौर करने के लिये तैयार हो गया.प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद गुरुदास दासगुप्ता की जनहित याचिका पर आज केंद्र सरकार, रिलायंस इंडस्टरीज लि. और पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली को नोटिस जारी किये. इन सभी को चार सप्ताह के भीतर नोटिस के जवाब देने हैं. इस मामले में अब छह सितंबर को आगे सुनवाई होगी.

न्यायालय ने कहा कि एक वरिष्ठ सांसद की जनहित याचिका में उठाये गये मुद्दे पर विचार की आवश्यकता है और इस याचिका को प्रारंभिक चरण में ही दरकिनार नहीं किया जा सकता है. न्यायालय ने गुरुदास दासगुप्ता की इस जनहित याचिका पर बीपी एक्सप्लोरेशन (अल्फा) लि., नीको रिसोर्सेज लि. और पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रलय से भी जवाब मांगा है. दासगुप्ता ने आरोप लगाया है कि प्राकृतिक गैस की कीमत बढ़ाते समय सरकार ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है.

कम्युनिस्ट सांसद ने न्यायालय से एक अप्रैल, 2014 से प्राकृतिक गैस की कीमत 4.2 अमेरिकी डालर प्रति ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.4 अमेरिकी डालर एमबीटीयू करने के सरकार के निर्णय की समीक्षा करने का अनुरोध किया है. इसके अलावा उन्होंने सरकार को कई निर्देश देने का अनुरोध किया है. दासगुप्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गंसाल्विज ने न्यायालय में कहा कि गैस की कीमत बढ़ाने के निर्णय पर गौर करने की आवश्यकता है क्योंकि पेट्रोलियम मंत्री ने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और अपने पूर्ववर्ती मंत्री की राय को भी दरकिनार कर दिया है.याचिका में रिलायंस और नीको को केजी बेसिन के वे इलाके तत्काल छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है जिनके बारे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी और सरकार को इसे अपने कब्जे में लेने का निर्देश दिया जाये.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि कृष्णा गोदावरी बेसिन से गैस निकालने के ठेके के दायित्व का कथित रुप से उल्लंघन करने के मामले में रिलायंस इंडस्टरीज से एक अरब अमेरिकी डालर बतौर जुर्माना वसूलने के लिये कंपनी के खिलाफ पंचाट कार्यवाही में मोइली व्यवधान डाल रहे हैं. याचिका में इस मामले में पंचाट नियुक्त करने और सारी कार्यवाही छह महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.

रिलायंस इंडस्टरीज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने याचिका का विरोध करते हुये कहा कि मामले को पंचाट कार्यवाही में ‘डालने’ का कोई औचित्य नहीं है. याचिका में कैग को परियोजना लागत का वित्तीय अंकेक्षण तेजी से पूरा करने और कैबिनेट सचिव को इस मसले से संबंधित सारा रिकार्ड पेश करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें