अहमदाबाद : इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी गुजरात के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पी पी पाण्डेय आज अपनी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही विशेष अदालत में स्ट्रेचर पर लद कर पेश हुए.
वर्ष 2004 के भर्जी मुठभेड़ मामले में अपना नाम आने के बाद पिछले साल फरवरी महीने से लापता चल रहे गुजरात पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक(एडीजीपी)पाण्डेय की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर बचाव एवं अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई की विशेष न्यायाधीश गीता गोपी ने आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने पाण्डेय को अदालत के समक्ष आज पेश होने का निर्देश दिया था, जिसके बाद सीने में दर्द की शिकायत को लेकर वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए थे.
पाण्डेय को आज एक एंबुलेंस में अदालत लाया गया और फिर उन्हें स्ट्रेचर पर लाद कर अदालतकक्ष में पेश किया गया. पाण्डेय के वकील निरुपम नानावटी ने अदालत में एक नोट दायर कर कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उनके मुवक्किल अदालत के समक्ष पेश हुए. सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र में पाण्डेय को मुंबई निवासी इशरत जहां, उसके मित्र जावेद शेख उर्फ प्रणेश पिल्लै और कथित रुप से पाकिस्तानी नागरिक अमजद अली राणा एवं जीशान जौहर की न्यायेतर हत्या का आरोपी बनाया गया है.
इस महीने की शुरूआत में दायर इस आरोपपत्र में पाण्डेय के अलावा गुजरात पुलिस के छह अन्य अधिकारियों को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है. इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में दावा किया है कि यह मुठभेड़ फर्जी था और गुजरात पुलिस ने खुफिया विभाग (आईबी) के साथ मिल कर इसे अंजाम दिया.