जबलपुर : एक लोकगायिका से 800 रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में आकाशवाणी की एक महिला कार्यक्रम कार्यकारी (प्रोग्राम एक्जीक्यूटिव) को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने आज तीन साल सश्रम कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है.
यह फैसला आज यहां सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश एम के शर्मा ने सुनाया. आकाशवाणी की महिला कार्यक्रम कार्यकारी अरुणेन्द्र चौरसिया ने आकाशवाणी के शहडोल केंद्र में अपनी पदस्थापना के दौरान लोकगायिका ललिता कुशवाह से इस 800 रुपये की रिश्वत मांगी थी.
लोकगायिका की शिकायत के बाद सीबीआई ने उक्त महिला अधिकारी को 26 दिसंबर 2008 को उससे रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. चौरसिया ने लोकगायिका से उसका मेहनताना 2800 से बढाकर 3700 रुपये करने और पुराना मेहनताना भुगतान करने के लिए यह रिश्वत मांगी थी.
सीबीआई ने महिला कार्यकारी को उस समय धर दबोचा था, जब उसने लोकगायिका से रिश्वत की यह रकम प्राप्त की और वह उसे गिन कर टेबल की दराज में रख रही थी. सीबीआई की विशेष अदालत ने चौरसिया को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा सात के तहत दो साल सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माना तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1)(डी) आर/डब्लू 13(2) तीन साल सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है. अदालत ने कहा है कि ये दोनो सजाएं एक साथ चलेंगी.
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि यदि आभियुक्त जुर्माना भरने में असमर्थ रहता है, तो उसे तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.