चेन्नई: अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता और उनकी करीबी सहयोगी शशिकला के खिलाफ चार मामलों में आयकर संबंधी विभागीय कार्यवाहियां खत्म हो गयी हैं. विभाग ने समझौता शुल्क स्वीकार करने के बाद इसे लेकर अंतिम आदेश जारी किया.
मामले में आज सुनवाई के दौरान जयललिता और अन्य के वकील जे करुपईया ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत को एक ज्ञापन देकर बताया कि विभाग ने समझौता शुल्क स्वीकार करने के बाद अंतिम आदेश जारी कर दिया है. आयकर विभाग के सरकारी अभियोजक के रामसामी ने कहा कि वह मामला वापस लेने के लिए एक याचिका दायर कर रहे हैं.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट आर दक्षिणमूर्ति मामले में आज दोपहर तीन बजे अंतिम आदेश सुनाएंगे. पिछले साल एक दिसंबर को जयललिता और शशिकला ने अपनी व्यक्तिगत क्षमताओं में और अपनी साझेदारी वाली एक कंपनी के साथ मिलकर समझौता शुल्क के तौर पर 1.99 करोड रुपये जमा कराए जिसके बाद उनके खिलाफ 19 साल पुराना मामला बंद होने की प्रक्रिया शुरु हुई.
अदालत को आज बताया गया कि 1993-94 के आकलन वर्ष के लिए जहां जयललिता ने 30,83,887 रुपये दिए वहीं शशिकला ने 28,07,972 रुपये का समझौता शुल्क दिया. शशि इंटरप्राइजेज ने 1991-92 के लिए समझौता शुल्क के तौर पर 75,33,330 रुपये और 1992-93 के लिए 65,67,872 रुपये की राशि दी.
कथित अपराधों को लेकर समझौते के लिए कुल मिलाकर कर प्राधिकारियों को 1,99,90,000 रुपये दिए गए.पिछले साल 25 जून को अपराधों को लेकर समझौते का अनुरोध किया गया था. मामला यहां के एगमोरे में स्थित अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में चल रहा है.
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 1993-94 के लिए जयललिता और शशिकला की व्यक्तिगत क्षमता में कथित तौर पर रिटर्न जमा ना करने लिए आपराधिक कार्यवाहियां शुरु की थीं.आयकर विभाग ने जयललिता और शशिकला की कंपनी शशि इंटरप्राइजेज के खिलाफ कथित तौर पर आकलन वर्ष 1991-92 और 1992-93 के रिटर्न जमा ना करने के लिए भी शिकायतें दायर की थीं.