नयी दिल्ली : एक तरफ सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) बढ़ाने के ताबड़तोड़ फैसले कर रही है, वहीं दूसरी ओर बड़ी विदेशी कंपनियां मंजूरी मिलने में देरी सहित अन्य दिक्कतों की वजह से अपनी परियोजनाएं रद कर रही हैं. कोरियाई स्टील कंपनी पोस्को की घोषणा के एक ही दिन बाद अब दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलरमित्तल ने ओडिशा स्थित अपनी परियोजना रद करने का एलान किया है.
इस परियोजना पर 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित था. पोस्को ने मंगलवार को ही कर्नाटक स्थित 30 हजार करोड़ रुपये की परियोजना छोड़ने का फैसला किया था. यानी दो ही दिन में 80 हजार करोड़ रुपये के विदेशी निवेश से भारत को हाथ धोना पड़ा है.
सरकार ने कल ही एक दर्जन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिये एफडीआई सीमा बढ़ाई है और कई क्षेत्रों में स्वत: स्वीकृति मार्ग से एफडीआई को मंजूरी दी है. लक्ष्मी मित्तल की अगुवाई वाली आर्सेलरमित्तल का यह प्रस्तावित निवेश भारत में सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों में से एक था. आर्सेलरमित्तल की भारत में दूसरी बड़ी परियोजना 50,000 करोड़ रुपये की झारखंड इस्पात परियोजना है.
वहीं पोस्को ने ओड़िशा में 52,000 करोड़ रुपये के निवेश से इस्पात संयंत्र लगाने का प्रस्ताव किया है. इन दोनों परियोजनाओं में भी काफी विलंब हो रहा है. कंपनी ने एक बयान में कहा, आर्सेलर मित्तल ने आज ओड़िशा के मुख्य सचिव से मुलाकात कर उन्हें सूचित किया कि कंपनी ने एकीकृत इस्पात संयंत्र के निर्माण पर आगे नहीं बढ़ने का निर्णय किया है. हालांकि, कंपनी झारखंड व कर्नाटक में अन्य दो परियोजनाओं पर काम जारी रखेगी. इन दोनों परियोजनाओं में प्रगति हो रही है.