लखनऊ : उत्तर प्रदेश के इतिहास में पहली बार तैयार की गयी खेल नीति अब शासन के हवाले है और सबकुछ ठीक रहा तो इसे आगामी विधानमंडल सत्र में सदन में पेश किये जाने की संभावना है.
प्रदेश के खेल राज्यमंत्री रामकरन आर्य ने विशेष बातचीत में बताया राज्य की पहली खेल नीति तैयार हो चुकी है और मैंने इसे पिछले हफ्ते ही हस्ताक्षर करके शासन को सौंपा है.उन्होंने बताया कि नयी खेल नीति में प्रदेश के स्कूलों में खेलों को अनिवार्य बनाने, स्कूलों में योग्य क्रीड़ा शिक्षकों की नियुक्ति करने, प्रदेश के हर ब्लाक में एक करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से लघु स्टेडियम सह खेल स्कूल बनाने तथा योजनाओं पर अमल की सख्त निगरानी करने की बातें शामिल की गयी हैं.
खेल नीति को विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में पेश किये जाने की संभावना संबंधी सवाल पर आर्य ने कहा अभी ऐसा कहना जल्दबाजी होगी. मैं इस बारे में मुख्यमंत्री तथा पार्टी नेतृत्व से बात करुंगा. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसे आगामी मानसून सत्र में पेश किया जाना संभव है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश की करीब 75 फीसद आबादी गांवों में रहती है और अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में खेल सुविधाएं मुहैया कराने की कोई ठोस पहल नहीं हुई थी लेकिन प्रस्तावित खेल नीति में इस ओर खास ध्यान दिया गया है. खेल नीति लागू होने के बाद हमारी पहल का रंग नजर भी आयेगा.
खेल राज्यमंत्री ने बताया कि उनकी खेल नीति ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गयी पाइका योजना का विस्तृत रुप और नया माडल पेश करेगी.