मुंबई: रिलायंस इंडस्टरीज के कर्ताधर्ता मुकेश अंबानी के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंजूर ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा को चुनौती देते हुए दो सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बंबई उच्च न्यायालय का रख किया है.
नितिन देशपांडे और विक्रांत कार्णिक की ओर से दाखिल जनहित याचिका में मांग की गयी है कि अंबानी को सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान करने के लिए मंजूरी देने वाले केंद्र सरकार के 21 अप्रैल के आदेश को रद्द किया जाए.
अंबानी के कार्यालय ने कथित तौर पर आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन की ओर से धमकी भरे खत मिलने के संबंध में मुंबई पुलिस को सूचना दी थी जिसके बाद सरकार ने सुरक्षा के लिए मंजूरी प्रदान की.जनहित याचिका के अनुसार सीआरपीएफ का गठन आपात स्थितियों से निपटने के लिए किया गया है नाकि कानून व्यवस्था से जुड़ी दिन प्रतिदिन की जिम्मेदारियों के लिए.
इसमें कहा गया, ‘‘केंद्र सरकार द्वारा दी गयी मंजूरी सीआरपीएफ अधिनियम और नियमों का पूरी तरह उल्लंघन और अवहेलना है.’’ जनहित याचिका के मुताबिक इस तरह की सुरक्षा केवल कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, शीर्ष राजनेताओं और वरिष्ठ नौकरशाहों आदि को प्रदान की जाती है जिन्हें खतरे की आशंका अधिक होती है. मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह और न्यायमूर्ति एम एस संकलेचा की खंडपीठ ने आज जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए 1 अगस्त की तारीख मुकर्रर की.