नागपुर : पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी. ए. संगमा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से करते हुए आज कहा कि वह एक अच्छे प्रशासक हैं लेकिन साथ ही यह भी कहा कि मोदी के पास धर्मनिरपेक्ष साख नहीं है.
संगमा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मोदी में रुपांतरण करने की जबरदस्त क्षमताएं और इच्छा शक्ति है. वह एक अच्छे प्रशासक हैं, लेकिन उनकी गैर-धर्मनिरपेक्ष साख उनकी अकेली कमी है.’’पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘उनके (मोदी के) गुण वाजपेयी से मिलते हैं. उन्होंने गुजरात में अपनी क्षमताएं साबित कर दी हैं, लेकिन जब राष्ट्र के नेतृत्व की बारी होती है, अगर किसी तरह भाजपा नीत राजग 2014 में सत्ता में आ भी जाता है, तो यह उनके (मोदी के) लिए एक बड़ी चुनौती होगी.उनका सरोकार सुशासन के प्रति ज्यादा होगा.’’ संगमा ने 2002 के गुजरात दंगों के बारे में कहा, ‘‘जब देश बाबरी मस्जिद ढहाए जाने को भूल सकता है, तो लोग गोधरा दंगों को भी भूल जाएंगे.’’
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मुद्दे पर कहा, ‘‘संकटों को माफ करने की भारत की अपार क्षमता है.’’ संगमा ने निर्धारित समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावनाओं से इनकार किया. उन्होंने लोकसभा चुनाव के बाद के परिदृश्य के बारे में कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पेश संघीय मोर्चा बन पाने की संभावना बहुत कम है. संगमा ने कहा कि मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और अन्य नेतृत्व करना चाहेंगे और इसमें दिक्कत होगी. भाजपा से जद (यू) के अलग होने पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में जद :यू: को नुकसान होगा.